हरियाणा में बनेंगे 2 नए जिले: जानिए नाम और पूरी जानकारी
हरियाणा राज्य में प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार ने नए जिलों के गठन के लिए काम शुरू कर दिया है। राज्य में लंबे समय से कुछ इलाकों को जिला बनाने की मांग की जा रही थी, और अब सरकार ने इस दिशा में कार्रवाई करने का फैसला लिया है। इस खबर से न केवल प्रशासनिक कार्यों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, बल्कि स्थानीय जनता को भी इससे कई लाभ होने की संभावना है।
नए जिलों के गठन के लिए बनी सब कमेटी
हरियाणा सरकार ने नए जिलों के गठन के लिए एक नई सब कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का मुख्य उद्देश्य गोहाना और हांसी को जिला बनाने की संभावनाओं की तलाश करना है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस कार्य के लिए कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर को कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसके अलावा, वित्त मंत्री जयप्रकाश दलाल, राज्यमंत्री महीपाल ढांडा और सुभाष सुधा को भी कमेटी का सदस्य बनाया गया है।
इस कमेटी को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी। रिपोर्ट के आधार पर, सरकार यह फैसला करेगी कि गोहाना और हांसी को जिला बनाने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया जाए या नहीं। कमेटी का मुख्य कार्य इन जिलों के गठन की प्रक्रिया को पूरा करना है, साथ ही यह भी विचार करेगी कि अन्य प्रशासनिक सुधारों की आवश्यकता है या नहीं, जैसे कि सब डिवीजन, तहसील और ग्राम पंचायतों का गठन।
पुलिस जिलों को राजस्व जिले में बदलने की प्रक्रिया
हरियाणा सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के तीन पुलिस जिलों – हांसी, डबवाली और मानेसर – को राजस्व जिलों में बदलने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इस प्रक्रिया को विधानसभा चुनाव से पहले पूरा करने की उम्मीद जताई जा रही है। सरकार के सूत्रों के मुताबिक, इन जिलों को राजस्व जिलों के रूप में मान्यता मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन में सुधार होगा और लोगों को सुविधाएं मिलेंगी।
कमेटी की प्राथमिक बैठक
यह संभावना जताई जा रही है कि इस सप्ताह कमेटी की पहली बैठक बुलाई जाएगी। बैठक में जिलों के डीसी से रिपोर्ट मांगी जाएगी। इन रिपोर्ट्स के आधार पर कमेटी विचार करेगी कि नए जिलों के गठन के साथ-साथ सब डिवीजन, तहसील और ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन किया जाए या नहीं। इस सुधार से प्रशासनिक कार्यों में तेजी आ सकेगी और जनता की समस्याओं का समाधान जल्द किया जा सकेगा।
प्रशासनिक सुधारों का उद्देश्य
गोहाना और हांसी को जिला बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। इन दोनों क्षेत्रों के लोग चाहते थे कि इनका प्रशासनिक केंद्र उनके इलाके में हो, ताकि उन्हें बेहतर सेवाएं मिल सकें। अगर यह जिले बनते हैं, तो इससे स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और उनकी प्रशासनिक समस्याओं का समाधान तेज़ी से हो सकेगा।
सरकार का मानना है कि नए जिलों के गठन के साथ-साथ, सब डिवीजन, तहसील और ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन से प्रशासनिक कार्यों में सुगमता आएगी। इससे लोगों को सरकारी सेवाओं के लिए दूर-दूर तक नहीं जाना पड़ेगा, और उनकी समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर हो सकेगा।
22वां जिला बना था चरखी-दादरी
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में 22वें जिले के रूप में चरखी-दादरी का गठन किया गया था। यह कदम एक सब कमेटी की सिफारिश पर लिया गया था, जिसका नेतृत्व पूर्व कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने किया था। हालांकि, उस समय गोहाना और हांसी को जिला बनाने की सिफारिश की गई थी, लेकिन उसे मान्यता नहीं दी गई थी। अब वर्तमान सरकार इन इलाकों को जिलों के रूप में मान्यता देने के लिए गंभीर है।
नतीजा: प्रशासनिक कार्यों में सुगमता
यदि गोहाना और हांसी को जिले का दर्जा मिलता है, तो इससे इन क्षेत्रों में प्रशासनिक कार्यों में सुगमता आएगी। स्थानीय स्तर पर प्रशासन का गठन होने से न केवल लोगों को सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलेगा, बल्कि सरकार की योजनाओं का कार्यान्वयन भी बेहतर ढंग से हो सकेगा।
हरियाणा सरकार की यह पहल राज्य के विकास को गति देने वाली साबित हो सकती है, जिससे न केवल राज्य की जनता को फायदा होगा, बल्कि प्रशासनिक सुधारों का भी एक नया दौर शुरू होगा।
हरियाणा में नए जिलों के गठन की दिशा में उठाए गए कदम से राज्य के प्रशासनिक ढांचे में सुधार की उम्मीदें बढ़ गई हैं। गोहाना और हांसी के जिलों के साथ-साथ अन्य प्रशासनिक बदलावों के जरिए सरकार उम्मीद करती है कि लोगों की समस्याओं का समाधान जल्द होगा और स्थानीय प्रशासन को अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।