हरियाणा को मिलेगा नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे: किसानों के लिए खुशखबरी

हरियाणा को मिलेगा नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे: किसानों के लिए खुशखबरी

हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच यातायात की गति और सुगमता को बढ़ाने के लिए एक नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे जल्द ही निर्माणाधीन होगा। यह एक्सप्रेसवे, जो अलीगढ़ से हरियाणा के पलवल तक जाएगा, यात्रियों को समय की बचत और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा। इस परियोजना के बारे में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए, यह समाचार क्षेत्रीय विकास और यातायात के मामले में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का महत्व

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, जिसे अलीगढ़ विकास प्राधिकरण की महायोजना 2031 के तहत प्रस्तावित किया गया है, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच यात्रा को तेज और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है। इस एक्सप्रेसवे से यात्री अलीगढ़, आगरा, मथुरा, दिल्ली एनसीआर, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, और गुरुग्राम जैसे प्रमुख शहरों तक बिना किसी बाधा के पहुंच सकेंगे। यह एक्सप्रेसवे उत्तर भारत के प्रमुख शहरों को जोड़ने के लिए एक सशक्त नेटवर्क तैयार करेगा, जो सड़क मार्ग से यात्रा को अधिक तेज, सुरक्षित और आरामदायक बनाएगा।

एक्सप्रेसवे की लंबाई और लागत

यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे लगभग 32 किलोमीटर लंबा होगा, और इसकी अनुमानित लागत करीब 2300 करोड़ रुपये है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच यात्रा आसान होगी, बल्कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में भी यातायात की भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी। खासकर, जिन यात्रियों को अलीगढ़ से दिल्ली और गुरुग्राम जैसे शहरों तक पहुंचने के लिए अधिक समय लगता था, उन्हें अब एक्सप्रेसवे के जरिए बहुत ही कम समय में अपनी मंजिल तक पहुंचने का अवसर मिलेगा।

समय की बचत होगी अहम

इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद, सारसौल से यमुना एक्सप्रेसवे तक की यात्रा केवल एक घंटे में की जा सकेगी, जबकि पहले यह यात्रा काफी समय लेती थी। इससे यात्री महत्वपूर्ण समय की बचत करेंगे और उनका यात्रा अनुभव ज्यादा आरामदायक होगा। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे (टप्पल) और ईस्टर्न पेरिफेरल इंटरचेंज (पलवल) से जुड़कर दिल्ली एनसीआर और हरियाणा की ओर यात्रा को और अधिक सुगम बनाएगा। यह विकास न केवल यातायात के क्षेत्र में बल्कि व्यापार, पर्यटन और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा देगा।

43 गांवों की भूमि का अधिग्रहण

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इस परियोजना के तहत अलीगढ़ के 43 गांवों की ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण के दौरान, GPS तकनीक का उपयोग कर ज़मीन की सटीक निशानदेही की जा रही है। परियोजना के दौरान किसानों को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया है। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। इससे न केवल सड़क निर्माण में तेजी आएगी, बल्कि प्रभावित किसानों को उनका हक भी मिलेगा।

किसानों के लिए लाभकारी कदम

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से किसानों के लिए कई फायदे होंगे। सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह एक्सप्रेसवे उनके कृषि उत्पादों के परिवहन में सहूलियत प्रदान करेगा, जिससे उनकी उत्पादकता और आय में वृद्धि हो सकती है। साथ ही, इस परियोजना के कारण क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। यह सभी पहलू ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को एक लाभकारी परियोजना बनाते हैं, जो न केवल यात्रा को सरल बनाएगा बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास में भी योगदान करेगा।

नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे न केवल हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि इससे क्षेत्रीय विकास को भी गति मिलेगी। अलीगढ़ से पलवल तक का यह एक्सप्रेसवे यात्रा के समय को कम करेगा, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा और किसानों को नए अवसर प्रदान करेगा। यह परियोजना क्षेत्रीय विकास का एक बड़ा कदम है, जो आने वाले समय में कई सकारात्मक बदलाव लेकर आएगी।

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