हरियाणा में शराब पीकर स्कूल पहुंचे शिक्षक को सस्पेंड: पुलिस ने किया गिरफ्तार
हरियाणा के सिरसा जिले के एक सरकारी स्कूल में एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक JBT शिक्षक शराब पीकर स्कूल पहुंच गया। यह मामला तब उजागर हुआ जब ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (BEO) मनीषा निदिपा मासिक समीक्षा बैठक के लिए स्कूल आईं और उन्होंने शिक्षक को नशे की हालत में पाया। इसके बाद BEO ने शिक्षक को डांटते हुए उसे तुरंत सस्पेंड कर दिया और पुलिस को सूचित किया।
शिक्षक का नशे में स्कूल पहुंचना
यह घटना सिरसा शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित गांव कुरंगावाली के राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक स्कूल की है। बीते शुक्रवार को जब BEO मनीषा निदिपा स्कूल में समीक्षा बैठक कर रही थीं, तब उन्होंने देखा कि एक शिक्षक नशे की हालत में बैठक में मौजूद था। शिक्षक की इस स्थिति को देखकर BEO ने तुरंत कार्रवाई की और शिक्षक को स्कूल से सस्पेंड कर दिया।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
BEO की शिकायत के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शिक्षक का मेडिकल परीक्षण करवाया। जांच में यह पुष्टि हुई कि शिक्षक शराब के प्रभाव में था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, पुलिस ने उसे तुरंत जमानत पर रिहा भी कर दिया। आरोपी शिक्षक की पहचान कुलविंदर सिंह के रूप में हुई है, जो सिरसा के गांव गदराना का निवासी है और 44 वर्ष का है।
स्कूल स्टाफ की प्रतिक्रिया
इस मामले में स्कूल के अन्य स्टाफ ने बताया कि आरोपी शिक्षक कुलविंदर सिंह पहले भी कई बार शराब पीकर स्कूल आता था। स्टाफ ने यह भी कहा कि उन्हें कई बार समझाया गया था, लेकिन शिक्षक ने कभी अपनी आदत में सुधार नहीं किया। शराब के नशे में स्कूल पहुंचने के बाद बीईओ ने उसे चेतावनी दी थी और उसकी नशीली स्थिति की ओर ध्यान दिलाया था, लेकिन शिक्षक ने इसे हल्के में लिया।
इस घटना से क्या सिख सकते हैं हम?
यह घटना न केवल शिक्षा प्रणाली के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, बल्कि यह समाज में आदतों और जिम्मेदारियों को लेकर भी एक अहम संदेश देती है। सरकारी स्कूलों में शिक्षक की भूमिका छात्रों के लिए आदर्श प्रस्तुत करने की होती है। यदि शिक्षक खुद नशे की हालत में स्कूल आते हैं, तो यह विद्यार्थियों के लिए गलत संदेश होता है।
इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता होती है, ताकि स्कूलों में एक स्वस्थ और अनुशासित वातावरण बनाए रखा जा सके। BEO मनीषा निदिपा ने इस मामले में तत्परता दिखाई और तुरंत कार्रवाई की, जो प्रशंसा योग्य है।
शिक्षा और प्रशासनिक सुधार की जरूरत
यह मामला यह भी दर्शाता है कि शिक्षा विभाग और प्रशासन को स्कूलों में नियमित निगरानी और सुधार की दिशा में और अधिक गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है। ऐसे मामलों में शिक्षक और अन्य कर्मचारियों के व्यवहार को लेकर कड़े नियम और नीतियाँ लागू करनी चाहिए।
इसके अलावा, शराब और अन्य नशे की लत से निपटने के लिए स्कूलों में जागरूकता अभियान और काउंसलिंग सेवाएं शुरू की जानी चाहिए। यह शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए एक सकारात्मक माहौल बनाने में मदद करेगा।
हरियाणा के सिरसा जिले में एक शिक्षक का शराब पीकर स्कूल पहुंचना न केवल एक गंभीर घटना है, बल्कि यह शिक्षा क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता को भी उजागर करता है। इस मामले में बीईओ की तत्परता और पुलिस की कार्रवाई सराहनीय है। अब यह आवश्यक हो गया है कि प्रशासन और शिक्षा विभाग इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए, ताकि स्कूलों में शिक्षा का माहौल सकारात्मक और अनुशासित बना रहे।