डबवाली को जिला बनाने की मांग तेज, विधायक आदित्य चौटाला ने कैबिनेट मंत्री को सौंपा मांग पत्र
हरियाणा के डबवाली क्षेत्र में जिला बनाने की मांग एक बार फिर से जोर पकड़ने लगी है। इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल ने इस मुद्दे को उठाते हुए प्रदेश सरकार और नव जिला निर्माण कमेटी को एक मांग पत्र सौंपा है। यह मांग क्षेत्रीय विकास, प्रशासनिक सुधार और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए की जा रही है। डबवाली को जिला बनाने से संबंधित यह अभियान अब तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, और क्षेत्रीय जनता भी इसके पक्ष में है।
डबवाली क्यों बने जिला?
डबवाली, जो कि सिरसा जिले का सबसे बड़ा उपमंडल है, वर्तमान में लगभग 3 लाख की जनसंख्या के साथ यहां की प्रशासनिक जरूरतें तेजी से बढ़ रही हैं। डबवाली का सिरसा जिला मुख्यालय से लगभग 60-70 किलोमीटर की दूरी पर होना, लोगों को कई समस्याओं का सामना कराता है। इस दूरी के कारण स्थानीय लोगों को सरकारी और प्रशासनिक सेवाओं के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होती है।
डबवाली पहले से ही एक पुलिस जिला है और यहां सिविल अस्पताल, नगर परिषद और अन्य बुनियादी सुविधाएं भी मौजूद हैं। इसके बावजूद प्रशासनिक सुधार के लिए यह कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
डबवाली के प्रमुख तथ्य
– जनसंख्या (2024 अनुमान): 3 लाख
– सिरसा मुख्यालय से दूरी: 60 किलोमीटर
– कुल गांव: 344
– क्षेत्रफल: सिरसा जिले का सबसे बड़ा उपमंडल
डबवाली की भौगोलिक स्थिति और मांग का आधार
डबवाली की भौगोलिक स्थिति भी इसे जिला बनाने की मांग को मजबूती प्रदान करती है। यह क्षेत्र पंजाब और राजस्थान की सीमा से सटा हुआ है, जिससे यह रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो जाता है। इसके अलावा, यहां की जनसंख्या वृद्धि और क्षेत्रफल का विस्तार भी इस क्षेत्र को एक स्वतंत्र जिला बनाने की आवश्यकता को महसूस कराता है।
2011 की जनगणना के अनुसार, डबवाली की जनसंख्या 2.35 लाख थी, जो अब 3 लाख के आसपास पहुंच चुकी है। यह जनसंख्या वृद्धि इस क्षेत्र की बढ़ती प्रशासनिक जरूरतों को रेखांकित करती है।
विधायक आदित्य देवीलाल की भूमिका
विधायक आदित्य देवीलाल ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है और कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल को मांग पत्र सौंपकर डबवाली को जिला बनाने के लिए कई तर्क दिए हैं। उनका कहना है कि:
– डबवाली का क्षेत्रफल और बढ़ती जनसंख्या इसे एक अलग जिला बनाने के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
– प्रशासनिक सेवाओं की दूरी को कम करने के लिए यह कदम आवश्यक है।
– सिरसा जिले के 344 गांवों को समान रूप से बांटने की आवश्यकता है।
– डबवाली की भौगोलिक स्थिति, जो इसे प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाती है, इस प्रस्ताव को और भी मजबूत बनाती है।
हरियाणा के जिलों का क्षेत्रफल (तुलना)
डबवाली को जिला बनाने के समर्थन में हरियाणा के अन्य जिलों का क्षेत्रफल भी प्रस्तुत किया गया है। उदाहरण के तौर पर:
| जिला | क्षेत्रफल (वर्ग किमी) |
|—————-|————————–|
| सिरसा | 4277 |
| हिसार | 3983 |
| भिवानी | 3432 |
| जींद | 2702 |
| चरखी दादरी | 1370 |
| पानीपत | 1268 |
इस तुलना से यह स्पष्ट होता है कि डबवाली के क्षेत्रफल को देखते हुए यह एक स्वतंत्र जिला बनने के लिए उपयुक्त है।
गोहाना से डबवाली तक: एक उदाहरण
हाल ही में, सोनीपत जिले के गोहाना को जिला बनाया गया था, जो जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर था। इस उदाहरण को देखते हुए, डबवाली को जिला बनाने का तर्क और मजबूत हो जाता है, क्योंकि यह 60 किलोमीटर दूर है।
डबवाली को जिला बनाने के फायदे
1. प्रशासनिक सेवाओं में सुधार: डबवाली को जिला बनाने से स्थानीय लोगों को प्रशासनिक सेवाओं के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी।
2. आर्थिक विकास: नया जिला बनने से क्षेत्र में रोजगार और विकास के अवसर बढ़ेंगे।
3. भौगोलिक स्थिति का लाभ: सीमावर्ती इलाका होने के कारण यह स्थान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनता है और यहां सुरक्षा तथा विकास कार्यों में तेजी लाई जा सकती है।
4. समाज के लिए लाभ: समाज के विभिन्न वर्गों को जिला बनने से बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।
आगे का रास्ता
अब डबवाली को जिला बनाने की मांग प्रदेश सरकार और नव जिला निर्माण कमेटी के पास है। उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इस पर जल्द ही सकारात्मक कदम उठाएगी। डबवाली को जिला बनाने से न केवल इस क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी, बल्कि यह हरियाणा में प्रशासनिक संतुलन बनाने में भी मदद करेगा।
डबवाली की जनता अब इस फैसले का इंतजार कर रही है और यह कदम इस क्षेत्र के विकास के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा।