दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल की नई पहल: छात्रों के लिए मेट्रो में 50% छूट की मांग
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के करीब आते ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इस बीच, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर दिल्ली मेट्रो में छात्रों के लिए 50% छूट की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की है कि वे जल्द ही दिल्ली के छात्रों के लिए मुफ्त बस यात्रा की योजना भी लागू करेंगे। इस प्रस्ताव का उद्देश्य छात्रों पर वित्तीय बोझ को कम करना और उनकी यात्रा को अधिक किफायती बनाना है।
छात्रों के लिए मेट्रो में 50% छूट की मांग
अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखी अपनी चिट्ठी में यह मांग की है कि दिल्ली मेट्रो में छात्रों को 50% छूट दी जाए। केजरीवाल ने इस पहल को छात्रों के वित्तीय बोझ को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उनका मानना है कि दिल्ली के छात्र अपने स्कूल या कॉलेज तक आने-जाने के लिए मेट्रो पर बड़े पैमाने पर निर्भर हैं, और इस खर्च को कम करने से उनका जीवन थोड़ा आसान हो सकता है।
केजरीवाल ने पत्र में लिखा, “दिल्ली मेट्रो दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच 50:50 सहयोग से चलती है, इसलिए इस छूट पर होने वाला खर्च दोनों सरकारों को समान रूप से उठाना चाहिए। मुझे पूरी उम्मीद है कि आप इस प्रस्ताव से सहमत होंगे।” केजरीवाल ने इस प्रस्ताव के समर्थन में पीएम मोदी से अनुरोध किया है कि वे इसे जल्द ही मंजूरी दें, ताकि दिल्ली के छात्रों को इसका लाभ मिल सके।
महिलाओं के बाद छात्रों के लिए मुफ्त यात्रा की घोषणा
केजरीवाल ने इस पत्र के माध्यम से यह भी कहा कि महिलाओं के लिए दिल्ली में मुफ्त बस यात्रा की योजना शुरू करने के बाद अब वह छात्रों के लिए भी मुफ्त यात्रा की घोषणा करने जा रहे हैं। उन्होंने यह कहा कि इस पहल से छात्रों पर वित्तीय बोझ कम होगा और उन्हें उनके शिक्षा जीवन में और अधिक सहायता मिलेगी। इसके साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार से दिल्ली मेट्रो में छात्रों के लिए 50% छूट की मांग की, ताकि यह छात्रों के लिए यात्रा को और सुलभ और किफायती बना सके।
जाट समाज के मुद्दे पर भी केजरीवाल ने उठाई आवाज
अरविंद केजरीवाल ने इससे पहले भी पीएम मोदी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने दिल्ली के जाट समाज को केंद्र सरकार की ओबीसी (आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों) सूची में शामिल करने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ने पिछले दस वर्षों से जाट समाज को ओबीसी आरक्षण के नाम पर धोखा दिया है। केजरीवाल का कहना था कि 2019 में गृह मंत्री अमित शाह ने जाट समाज को ओबीसी सूची में शामिल करने का वादा किया था, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उनका यह भी कहना था कि ओबीसी सूची में शामिल न होने के कारण जाट समाज के बच्चों के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन की प्रक्रिया कठिन हो गई है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक आते ही अरविंद केजरीवाल की तरफ से इस तरह की घोषणाएं और पत्रों का लिखना उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। छात्रों, महिलाओं और जाट समाज को लेकर किए गए इन प्रयासों से यह स्पष्ट है कि केजरीवाल उन वर्गों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं, जिनकी महत्वपूर्ण भूमिका आगामी चुनावों में हो सकती है।
इस समय दिल्ली की राजनीतिक परिस्थितियां काफी गर्म हैं, और केजरीवाल द्वारा की गई ये घोषणाएं इस बात का संकेत हैं कि वह चुनावी मैदान में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार इन प्रस्तावों पर क्या प्रतिक्रिया देती है और आगामी चुनावों में यह मुद्दे कितने प्रभावी साबित होते हैं।