हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: EDC दरों में बढ़ोतरी से प्रॉपर्टी बाजार में हलचल
हरियाणा सरकार ने एक्सटरनल डेवलपमेंट चार्ज (EDC) में बढ़ोतरी की अनुमति दी
हरियाणा सरकार ने हाल ही में प्रॉपर्टी और रियल एस्टेट बाजार को प्रभावित करने वाला एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने 2025 तक एक्सटरनल डेवलपमेंट चार्ज (EDC) को 20% बढ़ाने का निर्णय लिया है, और इसके बाद हर साल 10% की बढ़ोतरी की जाएगी। यह निर्णय रियल एस्टेट सेक्टर और प्रॉपर्टी खरीदारों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आया है, जिससे प्रॉपर्टी की कीमतों में एक बड़ी उछाल देखने को मिल सकती है।
EDC वह शुल्क है, जिसे डेवलपर्स से बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़कों, बिजली, पानी, और सीवेज के विकास के लिए लिया जाता है। इस शुल्क की गणना टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट (DTCP) द्वारा की जाती है, जो किसी इलाके के विकास की क्षमता के आधार पर इसे निर्धारित करता है। EDC की दरों को अंतिम बार 2015 में संशोधित किया गया था, और अब इस फैसले के बाद, रियल एस्टेट बाजार में हलचल मच सकती है।
डेवलपर्स पर बढ़ेगा वित्तीय दबाव
हरियाणा के रियल एस्टेट डेवलपर्स इस निर्णय से चिंता में हैं। नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (NAREDCO) हरियाणा के अध्यक्ष परवीन जैन ने इस बढ़ोतरी को लेकर अपनी चिंताओं का इज़हार किया है। उन्होंने कहा कि इससे खासकर गुरुग्राम जैसे प्रमुख रियल एस्टेट बाजारों में डेवलपर्स और घर खरीदारों पर बड़ा वित्तीय दबाव पड़ेगा।
परवीन जैन ने उदाहरण देते हुए कहा कि 2015-2016 में जब EDC की दरें बढ़ाई गई थीं, तब कई डेवलपर्स ने नए लाइसेंस लेना बंद कर दिया था, और उन्होंने सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है। उनका मानना है कि 10% की वार्षिक वृद्धि अव्यावहारिक है और इससे प्रॉपर्टी बाजार में अस्थिरता आ सकती है।
प्रॉपर्टी बाजार पर असर
रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि EDC की दरों में बढ़ोतरी से प्रॉपर्टी की कीमतें और भी बढ़ सकती हैं, जिससे घर खरीदने की क्षमता में कमी आ सकती है। इसके परिणामस्वरूप:
1. प्रॉपर्टी की मांग में कमी: बढ़ी हुई कीमतें प्रॉपर्टी की मांग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
2. निवेशकों की घटती रुचि: महंगी प्रॉपर्टी के कारण निवेशकों की रुचि कम हो सकती है।
3. बाजार में मंदी का खतरा: ऊंची कीमतों के चलते रियल एस्टेट बाजार में मंदी आ सकती है, जिससे यह सेक्टर पहले से ही वित्तीय दबाव में आ सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च ब्याज दरों और महंगी प्रॉपर्टी की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर पहले से ही संघर्ष कर रहा है। ऐसे में EDC दरों की बढ़ोतरी से यह और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को मिलेगा बढ़ावा
सरकार का कहना है कि इस निर्णय का उद्देश्य राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को गति देना है। EDC दरों में वृद्धि से प्राप्त राशि का उपयोग सड़कों, पानी, बिजली, और सीवेज जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए किया जाएगा। इससे राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा सकेगा और बुनियादी सेवाओं का विस्तार होगा।
सरकार ने यह भी बताया है कि एक नई इंडेक्सेशन पॉलिसी लागू की जाएगी, जिसमें एक सलाहकार को नियुक्त किया जाएगा, जो EDC दरों की समीक्षा करेगा और सुनिश्चित करेगा कि प्राप्त धन का सही उपयोग हो।
हरियाणा सरकार का यह कदम रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकता है, लेकिन सरकार का कहना है कि यह निर्णय राज्य के विकास के लिए आवश्यक है। डेवलपर्स और खरीदारों को इस बदलाव के लिए तैयार रहना होगा और देखना होगा कि यह निर्णय बाजार पर किस प्रकार का प्रभाव डालता है।
इस निर्णय के बाद प्रॉपर्टी बाजार में उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन यह राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, बशर्ते कि इस धन का सही और पारदर्शी तरीके से उपयोग किया जाए।