Budget 2025: 1 फरवरी को इनकम टैक्स स्लैब में होने वाले बदलाव, जानें क्या हो सकता है खास!
भारत के 2025 बजट में बड़े बदलाव की उम्मीद, टैक्स स्लैब में हो सकते हैं अहम बदलाव
भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 का पूर्ण बजट पेश करने जा रही हैं, जो उनका आठवां बजट होगा। इस बजट से जुड़े देशभर के लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं, खासकर नौकरीपेशा, व्यापारी, किसान और निवेशकों के लिए। यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को नए दिशा देने और आम आदमी को राहत देने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों का मानना है कि इस बजट में हेल्थ सेक्टर, महंगाई, जीडीपी ग्रोथ, और टैक्स स्लैब में अहम बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीदें
इस बार के बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीदें अधिक हैं। खासकर, नए टैक्स रिजीम (New Tax Regime) के तहत लोगों को अधिक राहत मिल सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले ही बताया था कि भारत में 65% से ज्यादा करदाता न्यू टैक्स रिजीम को अपना चुके हैं, जो कि सरकार की पहल का सफल परिणाम है। इस टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाने के लिए साल 2020 में पेश किया गया था और अब इसे और आसान करने के लिए कुछ अहम बदलावों की चर्चा हो रही है।
पिछले साल सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया था। इस बार इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये तक किया जा सकता है, जिससे करदाताओं को फायदा होगा। इससे टैक्सपेयर्स की कर योग्य आय कम हो जाएगी और टैक्स की राशि भी घट सकती है।
20% टैक्स स्लैब में बदलाव की संभावना
इस बार सरकार 12 लाख से 15 लाख रुपये की आय पर 20% टैक्स स्लैब को बढ़ाकर 12 लाख से 20 लाख रुपये कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो 15 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक की आय वाले टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी और उन्हें कम टैक्स देना होगा। इससे मिडिल क्लास और उच्च मिडिल क्लास को खासा फायदा हो सकता है।
आय 20 लाख रुपये से ज्यादा पर हो सकता है 30% टैक्स
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार इस बार 20 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लगाने की योजना बना सकती है। यदि ऐसा होता है, तो इससे उच्च आय वाले टैक्सपेयर्स पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है, लेकिन इससे सरकार की टैक्स वसूली बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही, अधिक लोग न्यू टैक्स रिजीम को अपनाने के लिए प्रेरित हो सकते हैं।
हेल्थ सेक्टर में सुधार की संभावना
कोविड-19 के बाद से हेल्थ सेक्टर में सुधार की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इस बार के बजट में सरकार हेल्थ सेक्टर को मजबूत करने के लिए ज्यादा फंड आवंटित कर सकती है। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अस्पतालों की संख्या बढ़ाने, मेडिकल उपकरणों पर टैक्स छूट और हेल्थ इंश्योरेंस के लिए टैक्स छूट बढ़ाने की संभावना भी जताई जा रही है।
महंगाई और जीडीपी ग्रोथ पर भी ध्यान
महंगाई भारतीय नागरिकों के लिए एक गंभीर समस्या बन चुकी है। सरकार इस बजट में महंगाई को काबू करने के लिए कुछ अहम कदम उठा सकती है। इसके साथ ही, देश की जीडीपी ग्रोथ को तेज करने के लिए सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में भारी निवेश कर सकती है, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं और आर्थिक विकास में तेजी आ सकती है।
क्या बजट 2025 से मिडिल क्लास को राहत मिलेगी?
मिडिल क्लास को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। खासकर टैक्स स्लैब में बदलाव से मिडिल क्लास को राहत मिल सकती है। पिछले कुछ सालों में सरकार ने मिडिल क्लास के लिए कई योजनाएं और घोषणाएं की हैं, और इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि टैक्स स्लैब में कुछ बदलावों से मिडिल क्लास को राहत मिल सकती है।
बजट 2025 का भारत के आम नागरिकों के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। टैक्स स्लैब में बदलाव, हेल्थ सेक्टर में सुधार, महंगाई नियंत्रण और जीडीपी ग्रोथ को लेकर किए गए कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में सहायक होंगे। 1 फरवरी को जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यह बजट पेश करेंगी, तो इससे न केवल नौकरीपेशा और व्यापारी वर्ग को राहत मिलेगी, बल्कि देश की समग्र आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद भी जताई जा रही है।