हरियाणा कैबिनेट की अहम बैठक आज, अनिल विज की भागीदारी पर सवाल
हरियाणा कैबिनेट बैठक में उठेंगे कई महत्वपूर्ण मुद्दे
हरियाणा में आज सुबह 11 बजे एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक होने जा रही है, जो राज्य सचिवालय में आयोजित की जाएगी। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करेंगे। हालांकि, इस बार बैठक के फैसलों से ज्यादा ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि क्या बिजली और परिवहन मंत्री अनिल विज इस बैठक में शामिल होंगे या नहीं। अनिल विज और मुख्यमंत्री के बीच की तकरार के कारण उनके बैठक में शामिल होने पर संशय की स्थिति बनी हुई है।
अनिल विज और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बीच नाराजगी
खबरों के अनुसार, अनिल विज और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। अनिल विज के करीबी सूत्रों का कहना है कि यदि मुख्यमंत्री के साथ उनकी नाराजगी दूर नहीं की जाती, तो वह सरकार से दी गई 80 लाख की VOLVO कार भी वापस कर सकते हैं।
दो दिन पहले रोहतक में दिए एक बयान में, विज ने संकेत दिए थे कि उन्होंने मंत्रियों के लिए मिलने वाली किसी भी सहूलियत का लाभ नहीं लिया। उन्होंने कहा, “मैंने कोई कोठी नहीं ली, और अगर सरकार इस कार को वापस लेना चाहती है, तो हम इसे दे देंगे।” इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि विज मुख्यमंत्री से अपनी नाराजगी को लेकर खुलेआम बात कर रहे हैं।
कैबिनेट बैठक में चर्चा के प्रमुख मुद्दे
कैबिनेट बैठक में एक और महत्वपूर्ण मुद्दा हरियाणा में नए जिलों और उपमंडलों के गठन को लेकर चर्चा होगी। राज्य सरकार इस दिशा में कई प्रस्तावों पर विचार कर रही है। माना जा रहा है कि सरकार का उद्देश्य है कि बजट सत्र से पहले नये जिलों के गठन को लेकर सभी जरूरी कार्यवाही पूरी कर ली जाए।
हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता में एक कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा, स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा भी शामिल हैं। इसके अलावा, संबंधित विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव और निदेशक भी इस बैठक में शमिल होंगे।
हरियाणा में नये जिलों का गठन
हरियाणा में फिलहाल 22 जिले हैं, लेकिन सरकार ने 5 नए जिलों के गठन के प्रस्ताव पर विचार करना शुरू कर दिया है। इन प्रस्तावों में हांसी, डबवाली, असंध, गोहाना और सफीदों को नए जिले बनाने की मांग की गई है। हालांकि, मानेसर को भी एक नया जिला बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन कैबिनेट सब कमेटी के पास इस प्रस्ताव का अभी तक कोई लिखित रूप में दस्तावेज नहीं आया है।
यह बैठक हरियाणा में प्रशासनिक ढांचे को और मजबूत करने के लिए एक अहम कदम साबित हो सकती है, जिससे राज्य के विकास को नया दिशा मिल सकता है। नए जिलों के गठन से न केवल प्रशासनिक सुधार होगा, बल्कि नागरिकों को भी बेहतर सरकारी सेवाएं मिल सकेंगी।
भविष्य में हरियाणा का प्रशासनिक ढांचा
यदि नये जिलों के गठन को मंजूरी मिलती है, तो हरियाणा का प्रशासनिक ढांचा काफी बदल जाएगा। यह निर्णय स्थानीय विकास और प्रशासनिक कार्यों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। साथ ही, नए जिलों के गठन से उन क्षेत्रों में जनसेवा और सरकारी योजनाओं का लाभ भी अधिक प्रभावी तरीके से पहुंच सकता है।
नये जिलों के गठन के अलावा, कैबिनेट बैठक में कई अन्य प्रशासनिक मुद्दों पर भी विचार किया जाएगा, जो हरियाणा के विकास के लिए अहम हो सकते हैं।
हरियाणा की राजनीति में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और मंत्री अनिल विज के बीच की तकरार इस कैबिनेट बैठक को और भी महत्वपूर्ण बना देती है। हालांकि, इस बैठक के फैसलों का जनता पर बड़ा असर पड़ सकता है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य सरकार अपने प्रशासनिक ढांचे में सुधार लाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। यह बैठक न केवल राज्य के लिए अहम है, बल्कि इससे राज्य की राजनीति में आने वाले दिनों में कुछ नई दिशा भी देखने को मिल सकती है।