हरियाणा में CRPF जवानों ने शहीद की बेटी का कन्यादान किया, पिता का फर्ज निभाते हुए आशीर्वाद देकर किया विदा

हरियाणा में CRPF जवानों ने शहीद की बेटी का कन्यादान किया, पिता का फर्ज निभाते हुए आशीर्वाद देकर किया विदा

हरियाणा के जींद जिले में एक दिल को छू लेने वाली घटना घटी, जहां CRPF के जवानों ने अपने शहीद साथी की बेटी का कन्यादान किया। यह घटना न केवल शहीद के परिवार के लिए भावुक पल थी, बल्कि पूरे इलाके और देशवासियों के लिए एक प्रेरणा भी बन गई। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिसमें शहीद सतीश कुमार की बेटी निशा की शादी में CRPF जवानों ने आकर न केवल उनका कन्यादान किया, बल्कि एक पिता की भूमिका भी निभाई।

शहीद सतीश कुमार की बेटी का कन्यादान

शहीद सतीश कुमार, जो 2025 में जम्मू कश्मीर के कठुआ में शहीद हो गए थे, उनका परिवार अब उनके बिना जीने की कोशिश कर रहा है। लेकिन उनकी बेटी निशा की शादी में उनके पिता की कमी को भरने के लिए CRPF के जवान आगे आए। CRPF के DIG कोमल सिंह और उनकी टीम ने निशा की शादी में शामिल होकर शहीद के परिवार को इस कठिन समय में सहारा दिया।

शादी के दिन, दुल्हन निशा और दूल्हा अपने शहीद पिता की तस्वीर लेकर सोफे पर बैठे हुए थे। उनके पास सीआरपीएफ के जवान खड़े थे और उन्हें आशीर्वाद दे रहे थे। इस विशेष मौके पर, CRPF जवानों ने अपने शहीद साथी के परिवार के प्रति अपना कर्तव्य निभाया, जो बेहद भावुक और सम्मानजनक था।

CRPF जवानों ने निभाया पिता का फर्ज

शहीद की बेटी की शादी में पिता की अनुपस्थिति को महसूस ना होने देने के लिए CRPF जवानों ने अपनी पूरी कोशिश की। उन्होंने न केवल शादी के सभी रस्मों में शामिल होकर, बल्कि कन्यादान जैसी महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई। CRPF के DIG कोमल सिंह, डिप्टी कमांडेंट वेदपाल, अस्सिटेंट कमाडेंट कृष्ण कुमार और अन्य जवानों ने शहीद सतीश की बेटी को बधाई दी और उन्हें सम्मानित किया।

इस मौके पर CRPF के DIG कोमल सिंह ने कहा, “निशा हमारे शहीद सतीश की बेटी है। उसका खून का रिश्ता हमसे नहीं है, लेकिन वह हमारे परिवार की बेटी है। वह हमारे सीआरपीएफ परिवार का हिस्सा है। हम यहां पर उसका मान सम्मान बढ़ाने के लिए आए हैं और उसे इस बात पर गर्व महसूस कराने आए हैं कि उसके पिता ने सर्वोच्च बलिदान दिया है।”

CRPF जवानों का दिल को छू लेने वाला कार्य

इस पूरे आयोजन में सीआरपीएफ के जवानों ने न केवल अपने कर्तव्यों को निभाया, बल्कि यह भी साबित किया कि वे सिर्फ अपने देश की रक्षा नहीं करते, बल्कि अपने साथी जवानों के परिवारों का भी साथ देते हैं। जवानों का यह कार्य समाज के लिए एक संदेश था कि सेना और पुलिस बल केवल नौकरी नहीं करते, बल्कि वे एक परिवार की तरह एक-दूसरे के साथ रहते हैं, चाहे वह खून का रिश्ता हो या नहीं।

गांव में समारोह का वातावरण

शादी के दिन सीआरपीएफ के जवान सुबह से ही गांव में पहुंचने लगे थे। उन्होंने अपने साथी जवान के परिवार के साथ मिलकर शादी का माहौल बना दिया। दुल्हन के परिवार ने भी सीआरपीएफ जवानों का जोरदार स्वागत किया, और गांव के लोग इस पूरे घटनाक्रम को गौर से देख रहे थे। शहीद के परिवार के लिए यह न केवल एक खुशी का मौका था, बल्कि यह पल उनके लिए एक सशक्त संदेश भी था, जो उन्हें यह याद दिलाता है कि देशभर में उनके शहीद पिता के बलिदान की कद्र की जाती है।

यह घटना यह साबित करती है कि हम केवल खून के रिश्तों तक सीमित नहीं होते, बल्कि समाज और देश के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी हमें एक दूसरे के साथ जोड़ती है। CRPF के जवानों ने शहीद सतीश की बेटी निशा के विवाह में जो भूमिका निभाई, वह न केवल उनकी वफादारी और भाईचारे को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि एक सच्चा सिपाही केवल युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि समाज में भी अपने कर्तव्यों को निभाता है। ऐसे सच्चे नायक हमारे देश का गर्व हैं।

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