हरियाणा में हुड्डा कार्यकाल के अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप: सीएम सैनी के पास आई लिस्ट
हरियाणा में भाजपा की सरकार ने एक बार फिर सत्ता में वापसी की है, और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भाजपा ने तीसरी बार अपनी सरकार बनाई है। भाजपा ने राज्य विधानसभा चुनाव में 48 सीटें जीतकर एक स्पष्ट बहुमत हासिल किया, लेकिन चुनाव के बाद कई पहलुओं पर विचार विमर्श और समीक्षा हो रही है। खासतौर पर, भाजपा के हारे हुए उम्मीदवारों और पार्टी के बागियों के मुद्दे पर मंथन चल रहा है। इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं, जो भाजपा के हारने वाले उम्मीदवारों के लिए परेशानी का कारण बने।
चुनावी हार के कारणों पर विचार
हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा के कई बड़े नेता और मंत्री भी हार गए थे। इनमें से प्रमुख नाम हैं कंवरपाल गुर्जर, जयप्रकाश दलाल, असीम गोयल, सुभाष सुधा, डॉ. कमल गुप्ता, डॉ. अभय सिंह यादव, संजय सिंह और पूर्व स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता। इन नेताओं की हार को लेकर पार्टी में गंभीर चिंता जताई जा रही है। पार्टी के भीतर यह विचार विमर्श हो रहा है कि आखिर क्यों कुछ मजबूत नेताओं को हार का सामना करना पड़ा, जबकि अन्य भाजपा उम्मीदवार जीतने में सफल रहे।
अधिकारियों पर लगाए गए आरोप
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी सहयोगी और अब हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हारे हुए उम्मीदवारों और विधायकों से मिलकर जानकारी प्राप्त करना शुरू कर दिया है। इस दौरान यह बात सामने आई है कि चुनाव में उन अधिकारियों और कर्मचारियों का अहम रोल था जो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में तैनात हुए थे।
इन अधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने चुनाव में एकपक्षीय रवैया अपनाया और विपक्षी दलों के उम्मीदवारों के पक्ष में काम किया। खासकर, अधिकारियों और कर्मचारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के उम्मीदवारों को मदद प्रदान की। इसके साथ ही, कुछ विधायकों और मंत्रियों ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने जानबूझकर भाजपा के उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचाया।
मुख्यमंत्री सैनी को सौंपी गई लिस्ट
सूत्रों के अनुसार, भाजपा के विधायकों ने एक लिस्ट तैयार की है, जिसमें उन अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम शामिल हैं जिन पर चुनाव में गलत तरीके से प्रभावित करने का आरोप है। इस लिस्ट को मुख्यमंत्री नायब सैनी को सौंपा गया है। लिस्ट में मुख्य रूप से HAS (हरियाणा प्रशासनिक सेवा) और HPS (हरियाणा पुलिस सेवा) के अधिकारी शामिल हैं, इसके साथ ही कई कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारी भी इस आरोप में नामित किए गए हैं।
इसके बाद मुख्यमंत्री सैनी ने इन आरोपों पर गहरी जांच के संकेत दिए हैं और माना जा रहा है कि जल्द ही इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सैनी का कहना है कि इस प्रकार के घातक रवैये को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पार्टी प्रशासन में सुधार लाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
विधायकों और मंत्रियों की शिकायतें
भाजपा के विधायकों और मंत्रियों ने एक बैठक में मुख्यमंत्री से अपनी शिकायतें साझा कीं। इस बैठक में यह भी सामने आया कि चुनाव के दौरान अधिकारियों का रवैया पूरी तरह से पक्षपाती था और भाजपा के लिए कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हुईं। कुछ विधायकों ने अधिकारियों के खिलाफ सबूत भी पेश किए हैं, जिनसे यह साबित होता है कि कई प्रशासनिक अधिकारियों ने जानबूझकर चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की कोशिश की थी।
आगे की दिशा
इस घटना के बाद, हरियाणा भाजपा ने सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री सैनी ने अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है। पार्टी के अंदर चल रही समीक्षा बैठक में यह तय किया गया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जाएगा और प्रशासनिक सुधारों पर जोर दिया जाएगा।
हरियाणा विधानसभा चुनाव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चुनावी प्रक्रिया में प्रशासनिक अधिकारियों का रोल अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। अब भाजपा को अपने प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करने और पूरी तरह से निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।