“मेरी फसल, मेरा ब्यौरा” पोर्टल: किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल
कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने “मेरी फसल, मेरा ब्यौरा” पोर्टल की शुरुआत की है। यह पोर्टल किसानों को अपनी फसल की जानकारी ऑनलाइन और घर बैठे दर्ज करने का एक सरल और मुफ्त तरीका प्रदान करता है। इस पोर्टल के माध्यम से किसानों को न केवल अपनी फसल के पंजीकरण में सहूलियत मिलेगी, बल्कि वे मंडी में फसल बेचने के लिए भी आवश्यक डेटा तैयार रख सकेंगे। 2025 से इस पोर्टल पर फसल की जानकारी दर्ज करने की प्रक्रिया और इसके लाभों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पोर्टल का उद्देश्य और महत्व
भारत में कृषि क्षेत्र के सुधार के लिए “मेरी फसल, मेरा ब्यौरा” पोर्टल एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पोर्टल का उद्देश्य किसानों को अपनी फसल की जानकारी ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा प्रदान करना है। इसके द्वारा, किसानों को अपनी फसल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जैसे क्षेत्र, बुआई का समय, फसल की किस्म, और जमीन की स्थिति को पंजीकरण में शामिल करने का अवसर मिलेगा। इससे किसानों को मंडी में बेहतर मूल्य मिलने की संभावना है और पारदर्शिता भी बनी रहती है।
फसल पंजीकरण प्रक्रिया: कैसे करें ऑनलाइन पंजीकरण
“मेरी फसल, मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर पंजीकरण करना बेहद आसान और सीधा है। निम्नलिखित कदमों का पालन करके किसान घर बैठे अपनी फसल का पंजीकरण कर सकते हैं:
1. पोर्टल पर लॉगिन और पंजीकरण:
सबसे पहले किसान को पोर्टल पर जाना होगा। इसके लिए अपने कंप्यूटर या मोबाइल में “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” सर्च करें और लिंक पर क्लिक करें। इसके बाद, लॉगिन विकल्प के माध्यम से किसान अपने परिवार पहचान पत्र (PPP) या आधार संख्या से लॉगिन कर सकते हैं। यदि पहले से पंजीकरण हो चुका है, तो बस लॉगिन करें और जानकारी अपडेट करें।
2. परिवार आईडी और सदस्य चयन:
लॉगिन करने के बाद किसान को अपना परिवार आईडी दर्ज करना होगा और सदस्य प्राप्त करें विकल्प पर क्लिक करना होगा। फिर, सदस्य के नाम का चयन करें और ओटीपी वेरिफिकेशन पूरा करें।
3. व्यक्तिगत और बैंक विवरण भरें:
इसके बाद किसान को अपनी व्यक्तिगत जानकारी, बैंक विवरण और अन्य आवश्यक जानकारी भरनी होगी। यह जानकारी सही तरीके से भरना महत्वपूर्ण है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
4. भूमि और फसल विवरण दर्ज करें:
किसान को अब अपनी भूमि और फसल की जानकारी दर्ज करनी होगी। इसमें वर्तमान सीजन की फसल का चयन करें (जैसे गेहूं, सरसों, आलू, सूरजमुखी आदि), जिला, तहसील, और गांव का चयन करें। इसके बाद जमीन की पहचान के लिए मुरब्बा संख्या या मालिक का नाम दर्ज करें।
5. फसल की वैरायटी और बुआई का समय:
किसान को बीज की वैरायटी चुननी होगी और बुआई की तिथि और क्षेत्रफल दर्ज करना होगा। इसके बाद, अगर जमीन का मालिकाना किसान का खुद है, तो “मालिक खुदा काश्त” विकल्प चुनें। अगर जमीन बटाई पर या ठेके पर है, तो संबंधित विकल्प का चयन करें।
6. पंजीकरण सबमिट करें:
पंजीकरण पूरा करने के बाद, किसान को सभी जानकारी को ध्यान से चेक करना होगा। यदि कोई गलती हो तो उसे सुधारें। इसके बाद पंजीकरण को सबमिट करें और फसल की जानकारी को सेव करें।
7. प्रिंट आउट और सुरक्षा:
पंजीकरण पूरा होने के बाद, किसान को प्रिंट आउट निकालने की आवश्यकता नहीं है। सभी जानकारी को मोबाइल या ईमेल में सुरक्षित रखा जा सकता है।
मंडी में फसल बिक्री और शिकायत समाधान
पंजीकरण के बाद किसान जब अपनी फसल मंडी में बेचने जाएं, तो उन्हें “मंडी विवरण” भरने का विकल्प मिलेगा। यह ऑप्शन तब सक्रिय होगा जब फसल मंडी में पहुंचने के करीब होगी। यदि किसी कारण से कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो किसान शिकायत दर्ज कर सकते हैं और अपने पंजीकरण में सुधार कर सकते हैं।
“मेरी फसल, मेरा ब्यौरा” पोर्टल किसानों के लिए एक शानदार पहल है जो उन्हें अपनी फसल का पंजीकरण करने में सुविधा प्रदान करता है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपनी फसल के बारे में सभी जरूरी जानकारी ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं, जिससे न केवल समय की बचत होती है, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ भी जल्दी मिलता है। सरकार के इस कदम से किसानों को अधिक पारदर्शिता, सुविधा और बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। 2025 से इस पोर्टल के उपयोग में और भी बढ़ोतरी की संभावना है, जो भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक बदलाव साबित होगा।