दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति: GRAP-4 हटने के बाद 9 नए हॉटस्पॉट और बढ़ते वायु प्रदूषण के आंकड़े
नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बिगड़ती जा रही है, खासकर GRAP-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) हटने के बाद। प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो चुका है और यह 7 दिन बाद एक बार फिर अत्यधिक खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। 9 दिसंबर को भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में बना हुआ था और 10 दिसंबर तक यह स्थिति बनी रहने की संभावना है। इसके अलावा, राजधानी में 9 नए प्रदूषण हॉटस्पॉट भी सामने आए हैं, जो दिल्ली की प्रदूषण समस्या को और गंभीर बना रहे हैं।
GRAP-4 हटने के बाद प्रदूषण बढ़ा
दिल्ली सरकार द्वारा GRAP-4 को हटाने के बाद वायु प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ने लगा है। यह स्थिति दिल्लीवासियों के लिए चिंताजनक है, क्योंकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में बढ़ोतरी के कारण प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो गया है। AQI के अनुसार, राजधानी के कुछ हिस्सों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब हो चुकी है। इसे हेल्थ रिएक्शन के लिए खतरनाक माना जा रहा है। दिल्ली में प्रदूषण के 9 नए हॉटस्पॉट भी उभरकर सामने आए हैं, जो पहले से ज्यादा प्रदूषित होते जा रहे हैं।
दिल्ली में प्रदूषण का AQI और हॉटस्पॉट
दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण के स्तर को लेकर विभिन्न क्षेत्रों के AQI डेटा में वृद्धि देखी जा रही है। यहां कुछ प्रमुख स्थानों पर प्रदूषण के स्तर (AQI) का विवरण दिया गया है:
| स्थान | AQI |
|—————-|——-|
| आनंद विहार | 286 |
| गाजियाबाद | 162 |
| फरीदाबाद | 121 |
| नोएडा | 162 |
| गुरुग्राम | 195 |
इसके अलावा, नेहरू नगर को इस समय सबसे बड़े प्रदूषण हॉटस्पॉट के रूप में पहचाना जा रहा है। सीएसई (सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट) की रिपोर्ट के अनुसार, नेहरू नगर के अलावा एनएसआईटी द्वारका, विवेक विहार, सोनिया विहार, नैशनल स्टेडियम, आईटीओ, पटपड़गंज, लोदी रोड और अलीपुर जैसे स्थानों में भी प्रदूषण बढ़ने की गंभीर स्थिति बनी हुई है।
नए उभरते हॉटस्पॉट और प्रदूषण
सीएसई द्वारा की गई स्टडी के अनुसार, दिल्ली में 9 ऐसे हॉटस्पॉट उभर रहे हैं, जिनका प्रदूषण स्तर पहले से ज्यादा खतरनाक हो चुका है। यह रिपोर्ट 2017 से लेकर 2024 तक के प्रदूषण के आंकड़ों पर आधारित है। इन हॉटस्पॉट्स में सबसे ज्यादा प्रदूषण नेहरू नगर में देखा गया है, जहां पिछले कुछ वर्षों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा है।
नए हॉटस्पॉट में पीएम 2.5 का सालाना स्तर (20 अक्टूबर तक):
| स्थान | 2022 | 2023 | 2024 |
|——————-|——–|——–|——–|
| नेहरू नगर | 118 | 120 | 90 |
| एनएसआईटी द्वारका | 118 | 120 | 90 |
| विवेक विहार | 113 | 101 | 89 |
| सोनिया विहार | 103 | 108 | 86 |
| नैशनल स्टेडियम | 101 | 99 | 82 |
| आईटीओ | 102 | 110 | 79 |
| पटपड़गंज | 109 | 109 | 77 |
| लोदी रोड | 118 | 111 | 75 |
| अलीपुर | 104 | 99 | 75 |
प्रदूषण की निगरानी और इसके समाधान की दिशा
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को लेकर सीएसई की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता रायचौधरी ने कहा कि यह आकलन 1 जनवरी से 20 अक्टूबर तक किया गया है। वर्तमान हॉटस्पॉट की निगरानी के साथ-साथ नए प्रदूषण हॉटस्पॉट पर भी खास ध्यान देना जरूरी है। यदि किसी हॉटस्पॉट में पिछले कुछ वर्षों से प्रदूषण का स्तर घटा है, तो उन स्थानों की निगरानी को फिर से अपडेट करने की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा, प्रदूषण को कम करने के लिए एक विशेष एक्शन प्लान तैयार किया जाना चाहिए।
दिल्ली में प्रदूषण का भविष्य
दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में सुधार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन GRAP-4 के हटने के बाद प्रदूषण में वृद्धि ने चिंता को और बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ दिनों तक प्रदूषण का स्तर खराब रहेगा, लेकिन इसके बाद कुछ हद तक कमी आ सकती है। हालांकि, यदि इस समस्या को पूरी तरह से हल नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में यह स्थिति और भी विकट हो सकती है।
इसलिए, दिल्लीवासियों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है, खासकर ऐसे क्षेत्रों में जहां प्रदूषण का स्तर अधिक है। मास्क का उपयोग और घर में बंद रहना प्रदूषण के प्रभाव से बचने के लिए जरूरी उपाय हो सकते हैं।
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ रही है और नए प्रदूषण हॉटस्पॉट उभरने से स्थिति और गंभीर हो रही है। हालांकि, सरकार और विशेषज्ञ इस दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।