हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने के ऐलान के बाद अडानी ग्रुप में तेज़ी, CFO का बयान वायरल
हिंडनबर्ग रिसर्च, वह फर्म जिसने अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और जिसके कारण अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी, अब बंद हो गई है। फर्म के संस्थापक नाथन एंडरसन ने हाल ही में ऐलान किया कि वह अपनी रिसर्च फर्म को बंद करने जा रहे हैं। इस खबर के साथ ही अडानी ग्रुप के शेयरों में तेज़ी देखी गई है। खासकर अडानी ग्रीन एनर्जी में आज भी तेजी जारी रही। इसके बाद अडानी ग्रुप के CFO जुगेशिंदर सिंह का एक बयान भी वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने कहा, “कितने गाजी आए, कितने गाजी गए।” इस बयान के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में 9 प्रतिशत तक की तेजी देखने को मिली।
हिंडनबर्ग रिसर्च का बंद होना और इसके कारण
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर साल 2022 में आरोप लगाए थे, जिनमें समूह पर शेयर हेरफेर और वित्तीय अनियमितताओं का आरोप था। इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। हालांकि, समय के साथ अडानी ग्रुप के कई शेयरों में सुधार हुआ, लेकिन कुछ शेयर अभी भी उबर नहीं पाए हैं।
नाथन एंडरसन ने हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने के निर्णय के बारे में बताया कि यह एक पूर्व निर्धारित योजना थी। एंडरसन ने स्पष्ट किया कि यह फैसला धमकियों या व्यक्तिगत कारणों से नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि फर्म के जिन विचारों पर काम चल रहा था, उनकी पाइपलाइन पूरी होने के बाद यह निर्णय लिया गया। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले पर उन्होंने परिवार से चर्चा की थी। एंडरसन के इस बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए, लेकिन उन्होंने इसे शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त करने का निर्णय लिया।
अडानी के शेयरों में आया जबरदस्त उछाल
हिंडनबर्ग के बंद होने की खबर के बाद, अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी आई। 16 जनवरी को अडानी पावर के शेयर 9 प्रतिशत बढ़कर ₹599.90 पर पहुंचे। अडानी ग्रीन एनर्जी में 8.8 प्रतिशत की बढ़त देखी गई, जबकि अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी टोटल गैस के शेयरों में भी क्रमशः 7.7 प्रतिशत और 7 प्रतिशत की उछाल आई। इस तेजी के बावजूद कुछ शेयरों में मामूली गिरावट भी देखी जा रही है।
यह तेजी अडानी ग्रुप के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यह उस समय आई है जब हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद समूह की वित्तीय स्थिति पर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे। हालांकि, अडानी ग्रुप ने हमेशा ही इन आरोपों का खंडन किया और इसे “भारत पर सुनियोजित हमले” के रूप में पेश किया।
अमेरिकी सांसदों की कड़ी आलोचना और रिपब्लिकन का बयान
अडानी ग्रुप के खिलाफ अमेरिकी सरकार की जांच के बारे में हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस सदस्य लांस गुडेन ने कड़ी आलोचना की थी। गुडेन ने कहा कि यह कदम अमेरिका के वैश्विक गठबंधनों को नुकसान पहुंचा सकता है। इस बयान के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रही। हालांकि, हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने की घोषणा के साथ ही स्थिति में कुछ सुधार दिखा है।
अडानी ग्रुप की रिकवरी
हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बावजूद, अडानी ग्रुप ने शेयर बाजार में अपनी स्थिति को स्थिर करने के लिए कई कदम उठाए। कई महीने पहले जिस तरह से अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी, अब उनमें सुधार दिख रहा है। अडानी ग्रुप ने अपनी कंपनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार किया और एक मजबूत रणनीति अपनाई, जिससे कुछ शेयरों ने रिकवरी दिखाई है। हालांकि, कुछ शेयर अभी भी अपनी गिरावट से उबर नहीं पाए हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च का बंद होना अडानी ग्रुप के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, जिससे उनके शेयरों में तेजी आ सकती है। हालांकि, अडानी ग्रुप को अपनी स्थिति पूरी तरह से मजबूत करने के लिए अभी और प्रयास करने होंगे। CFO जुगेशिंदर सिंह का बयान “कितने गाजी आए, कितने गाजी गए” भी इस मामले को लेकर मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। आने वाले दिनों में अडानी ग्रुप के शेयरों के प्रदर्शन पर निगाहें बनी रहेंगी, और यह देखा जाएगा कि क्या यह ग्रुप अपनी स्थिति को और अधिक स्थिर कर पाता है।