हरियाणा में शीतलहर और पाले से बचने के लिए एडवाइजरी जारी, किसानों को दी गई अहम सलाह

हरियाणा में शीतलहर और पाले से बचने के लिए एडवाइजरी जारी, किसानों को दी गई अहम सलाह

मौसम विभाग ने शीतलहर का अलर्ट जारी किया

हरियाणा में ठंड बढ़ने के साथ ही शीतलहर का प्रकोप महसूस किया जा रहा है। मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है, जिसके कारण तापमान में गिरावट आई है और ठंड के असर से लोगों को राहत मिलनी मुश्किल हो रही है। इसके साथ ही हरियाणा के कृषि क्षेत्र में किसानों को शीतलहर और पाले से फसलों को होने वाली संभावित क्षति से बचाने के लिए सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है।

पाले और शीतलहर से बचाव के लिए जारी की गई एडवाइजरी

हरियाणा राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने किसानों और आम जनता को शीतलहर और पाले के असर से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है। विभाग के उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने बीते शुक्रवार को इस एडवाइजरी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों को खासतौर पर फसलों की सुरक्षा के लिए सावधानियां बरतने की सलाह दी है। पाले के कारण फसलों को नुकसान हो सकता है, और ठंड के असर से पौधे भी मर सकते हैं, जिससे किसान भारी आर्थिक नुकसान का सामना कर सकते हैं।

किसानों के लिए फसलों की सुरक्षा पर अहम सलाह

राज्य में हर साल दिसंबर से लेकर फरवरी तक पाला पड़ने की संभावना रहती है, और इसका असर खासतौर पर सरसों, आलू, सब्जियों की नर्सरी और छोटे फलों के पौधों पर ज्यादा होता है। पाले के जमने से पौधों को भारी नुकसान हो सकता है। इस नुकसान से बचाव के लिए किसानों को कुछ खास उपाय अपनाने की सलाह दी गई है:

1. सिंचाई का ध्यान रखें: किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने खेतों में नियमित रूप से सिंचाई करें, क्योंकि पानी की मदद से जमीन का तापमान बढ़ता है, जो पाले के असर को कम कर सकता है।

2. कूड़ा जलाने का तरीका: खेतों के किनारे और जिस दिशा से ठंडी हवा आ रही हो, वहां पर 15 से 20 फीट की दूरी पर सूखा कचरा और कूड़ा जलाने से धुआं पैदा होता है। यह धुआं जमीन के तापमान को बढ़ाता है और पाले के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।

3. फलों और सब्जियों की नर्सरी को ढकें: किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फलों और सब्जियों की नर्सरी को पॉलीथिन और पराली से ढककर रखें। इससे न केवल पाले से बचाव होगा, बल्कि ठंडी हवा का असर भी कम होगा।

पशुओं का ध्यान रखें

सर्दी के मौसम में पशु भी शारीरिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि वे कम पानी पीते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इससे दूध उत्पादन में कमी आ सकती है। पशुओं की देखभाल के लिए निम्नलिखित उपाय सुझाए गए हैं:

1. गुनगुना पानी दें: सर्दियों में पशुओं को गुनगुना पानी देना चाहिए ताकि वे हाइड्रेटेड रहें और डिहाइड्रेशन से बच सकें।

2. ऊर्जा युक्त भोजन दें: सर्दियों में पशुओं को सामान्य से 0.8 प्रतिशत अधिक ऊर्जा युक्त भोजन देना चाहिए। यह उनके शरीर को गर्म रखने और ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।

3. फाइबर का सेवन बढ़ाएं: पशु के दूध में वसा बढ़ाने के लिए आहार में लगभग 17 प्रतिशत फाइबर (हरा और सूखा चारा) शामिल करें। यह पशु के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखता है और दूध उत्पादन में भी वृद्धि करता है।

हरियाणा में शीतलहर और पाले के मौसम के चलते कृषि और पशुपालन से जुड़े लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। किसानों और पशुपालकों को सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि ठंड और पाले से होने वाली संभावित क्षति को रोका जा सके। उचित देखभाल और सावधानियों के साथ किसान और पशुपालक इन कठिन परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं और अपनी फसलों और पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

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