अमेरिका द्वारा भारतीय प्रवासियों की डिपोर्टेशन की शुरुआत
अमेरिका से भारतीय डिपोर्टेशन: ट्रंप प्रशासन का सख्त कदम
अमेरिका में अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में सख्त कदम उठाए गए हैं। सत्ता संभालने के बाद, ट्रंप ने अपने इमिग्रेशन एजेंडे को पूरी तरह से लागू करने के लिए कई कठोर नीतियां बनाई थीं। इनमें से एक प्रमुख कदम था अवैध प्रवासियों का डिपोर्टेशन, जिसका एक हिस्सा अब भारतीय प्रवासियों को भी प्रभावित कर रहा है।
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, एक सैन्य विमान, C-17, भारतीय प्रवासियों को अमेरिका से डिपोर्ट करने के लिए रवाना किया गया है। यह विमान अब भारतीय प्रवासियों को भारत भेजने के लिए उड़ान भर चुका है, हालांकि यह विमान अगले 24 घंटे तक भारत पहुंचने की उम्मीद नहीं है।
डिपोर्टेशन की प्रक्रिया और पेंटागन की भूमिका
अमेरिका के पेंटागन ने इस प्रक्रिया को और अधिक सुव्यवस्थित करने के लिए कदम उठाए हैं। सैन्य विमान का उपयोग अब केवल भारतीय प्रवासियों तक सीमित नहीं है, बल्कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा पिछले कुछ महीनों में विभिन्न देशों के अवैध प्रवासियों को उनके मूल देशों में वापस भेजने के लिए सैन्य एयरक्राफ्ट का उपयोग किया गया है।
अब तक, अमेरिकी सैन्य विमान ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास जैसे देशों में प्रवासियों को डिपोर्ट करने के लिए उड़ान भर चुके हैं। इससे स्पष्ट होता है कि ट्रंप प्रशासन का यह कदम केवल भारतीयों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे महाद्वीप के अवैध प्रवासियों को प्रभावित कर रहा है।
भारत में अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या
भारतीय प्रवासियों की संख्या जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे थे, में लगातार वृद्धि हो रही थी। इन प्रवासियों में वे लोग शामिल हैं जो वीजा की अवधि समाप्त होने के बावजूद अमेरिका में रह रहे थे। अमेरिकी अधिकारियों ने यह साफ किया है कि उन्हें किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी।
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी प्रशासनिक योजना के तहत करीब 1.5 मिलियन लोगों की लिस्ट तैयार की है, जिनमें से 18,000 भारतीय प्रवासी भी शामिल हैं। इनमें से अधिकांश लोग अस्थायी वीजा पर अमेरिका में आए थे, लेकिन कुछ ही समय में उनका वीजा समाप्त हो गया और वे बिना वैध दस्तावेज के अमेरिका में रहने लगे। अब ट्रंप प्रशासन ने इन प्रवासियों को डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सैन्य विमान की भूमिका और सैन्य अधिकारियों की तैयारी
इस सख्त कदम को लागू करने के लिए अमेरिकी सेना ने C-17 जैसे भारी सैन्य विमान का इस्तेमाल किया है, जो बड़े पैमाने पर लोगों को एक देश से दूसरे देश भेजने में सक्षम हैं। यह विमान भारतीय प्रवासियों को अमेरिका से भारत वापस भेजने के लिए रवाना किया गया है।
इस प्रक्रिया की शुरुआत अमेरिका के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों से हुई है, जैसे एल पासो, टेक्सास और सैन डिएगो, कैलिफोर्निया। इन क्षेत्रों में 5000 से अधिक अप्रवासियों को रखा गया था। अब, इन अप्रवासियों को अपने मूल देशों में वापस भेजने के लिए अमेरिका की सैन्य विमान सेवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है।
ट्रंप प्रशासन की योजना और भविष्य में डिपोर्टेशन
राष्ट्रपति ट्रंप के इमिग्रेशन एजेंडे का यह हिस्सा उनकी राजनीतिक रणनीति का एक अहम हिस्सा बन गया है। उनका उद्देश्य अवैध प्रवासियों की संख्या को कम करना और अमेरिकी नागरिकों के लिए रोजगार और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। इसके तहत, 1.5 मिलियन लोगों की लिस्ट बनाई गई है, जिनमें विभिन्न देशों के अवैध प्रवासी शामिल हैं।
अमेरिकी प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे अपनी योजनाओं को पूरी तरह से लागू करेंगे, भले ही इसके लिए उन्हें कठोर कदम उठाने पड़े। इस कदम को लेकर कई मानवाधिकार संगठन आलोचना कर रहे हैं, लेकिन अमेरिकी सरकार ने इसे अपने राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिति के लिए जरूरी बताया है।
अमेरिका द्वारा भारतीय और अन्य देशों के अवैध प्रवासियों की डिपोर्टेशन एक बड़ा कदम है जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सख्त इमिग्रेशन नीति का हिस्सा है। यह कदम अमेरिकी प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे अवैध प्रवासियों की संख्या में कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, इससे जुड़ी चुनौतियों और विवादों के बावजूद, ट्रंप प्रशासन इसे अपनी रणनीति का अहम हिस्सा मानता है और इसे लागू करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहा है।