संसद में अमित शाह का बयान: भाजपा सभी राज्यों में लागू करेगी समान नागरिक संहिता

संसद में अमित शाह का बयान: भाजपा सभी राज्यों में लागू करेगी समान नागरिक संहिता

समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर अमित शाह का अहम बयान

गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) द्वारा सभी राज्यों में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने का संकल्प लिया। उन्होंने यह बयान राज्यसभा में “भारतीय संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा” पर चल रही बहस के दौरान दिया। शाह ने बताया कि उत्तराखंड में भाजपा सरकार पहले ही समान नागरिक संहिता लागू कर चुकी है और इस योजना को धीरे-धीरे पूरे देश के अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा।

भाजपा का लक्ष्य: समान नागरिक संहिता

अमित शाह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि भाजपा का उद्देश्य देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून व्यवस्था बनाना है, जिससे हर व्यक्ति को बराबरी का दर्जा मिल सके। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में यह कानून पहले ही लागू हो चुका है, और पार्टी इस योजना को अन्य राज्यों में भी लागू करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

समान नागरिक संहिता (UCC) का उद्देश्य अलग-अलग धार्मिक समुदायों के लिए विभिन्न पर्सनल लॉ को समाप्त करके सभी के लिए एक समान कानूनी व्यवस्था लागू करना है। शाह ने जोर देकर कहा कि भाजपा यह सुनिश्चित करेगी कि यह कानून पूरे देश में समान रूप से लागू हो, जिससे समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

कांग्रेस पर निशाना, धर्म आधारित आरक्षण का विरोध

अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाने के कांग्रेस के वादे को हल्के में लिया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस धर्म आधारित आरक्षण देने के लिए 50 प्रतिशत की सीमा को तोड़ना चाहती है, लेकिन भाजपा इस नीति का विरोध करती है। शाह ने बताया कि काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट 1955 में पेश की गई थी, जो पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की सिफारिश करती थी, लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी कैबिनेट के समक्ष नहीं लाया क्योंकि वह पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण नहीं चाहती थी।

इसके अलावा, शाह ने मंडल आयोग की रिपोर्ट का भी उल्लेख किया, जिसमें ओबीसी के लिए आरक्षण की सिफारिश की गई थी। उन्होंने कहा कि जब वीपी सिंह सरकार ने इस रिपोर्ट को लागू किया, तो कांग्रेस नेता राजीव गांधी ने इसका विरोध किया था। शाह ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी मुसलमानों के मामलों में तुष्टीकरण की नीति अपनाती है, विशेष रूप से शरिया के अनुसार अलग पर्सनल लॉ बनाने का समर्थन करते हुए।

भाजपा का दृष्टिकोण: समकालीन समाज के अनुसार कानून

अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा का उद्देश्य किसी प्राचीन हिंदू संहिता के आधार पर कानून बनाना नहीं है, बल्कि वह चाहती है कि कानून समकालीन समाज की जरूरतों को पूरा करें। शाह ने कहा कि भाजपा ऐसे कानूनों का समर्थन करती है जो सभी नागरिकों के लिए समान हों और जिनमें सामाजिक न्याय और समानता का पालन किया जाए।

कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप

गृह मंत्री ने कांग्रेस पर मुसलमानों के लिए शरिया के अनुसार अलग पर्सनल लॉ बनाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने यह निर्णय लिया था कि मुसलमानों के लिए शरिया के अनुसार अलग पर्सनल लॉ होना चाहिए, जो उनकी एक अलग कानूनी व्यवस्था को लागू करता है। शाह ने कहा कि भाजपा इस तरह के तुष्टीकरण की नीति का विरोध करती है और समानता की दिशा में काम करती है।

अमित शाह का यह बयान भाजपा की राष्ट्रीय नीति और दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है, जिसमें समानता, न्याय और समकालीन समाज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कानून बनाने की बात की जा रही है। समान नागरिक संहिता (UCC) की लागू करने की योजना और धर्म आधारित आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा का दृष्टिकोण समाज में समानता और न्याय को बढ़ावा देने वाला है। इस मामले में भाजपा का जोर इस बात पर है कि सभी नागरिकों को एक समान कानून और अधिकार मिलें, जो सामाजिक विकास के लिए जरूरी है।

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