Azaad फिल्म का रिव्यू: क्या यही है बॉलीवुड की नई दिशा?
हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म Azaadने दर्शकों को निराश किया है। इस फिल्म में अजय देवगन की बहन नीलम देवगन के बेटे अमन देवगन और रवीना टंडन की बेटी राशा का डेब्यू हुआ है, लेकिन फिल्म की कमजोर कहानी और सुस्त निर्देशन ने इसे दर्शकों के लिए एक बड़ा अनुभव नहीं बनने दिया। सोशल मीडिया पर इसे लेकर जो प्रचार हुआ था, वह फिल्म में दिखाई नहीं दिया और दर्शकों ने इसे ‘टॉर्चर’ के रूप में महसूस किया। आइए जानते हैं इस फिल्म की कमजोरियों और उसकी आलोचनाओं के बारे में।
फिल्म की कहानी: एक उबाऊ प्रेम कथा
फिल्म की कहानी एक घोड़े, आजाद, के इर्द-गिर्द घूमती है। आजाद को लेकर फिल्म की मुख्य धारा में कुछ खास नहीं दिखता। फिल्म की कहानी ब्रिटिश राज के समय पर आधारित है, जहाँ गांव के एक लड़के अमन को घोड़े बहुत पसंद हैं और उसका दिल आजाद पर आ जाता है। अमन, जो पहले एक सामान्य लड़का था, बाद में आजाद के साथ मिलकर जमींदार के खिलाफ बगावत करता है।
यह कहानी इस हद तक साधारण है कि इसे देखकर ऐसा लगता है कि यह पुरानी फिल्मों से उधार ली गई हो। जहाँ तक फिल्म के इमोशनल तत्व की बात है, तो इसकी कमी पूरी फिल्म में साफ तौर पर महसूस होती है। जिस स्थान पर दर्शकों को रोने की उम्मीद होती है, वहां पर हंसी आना स्वाभाविक हो जाता है।
अभिनय: नए सितारे और उम्मीदें
अमन देवगन ने अपनी भूमिका में मेहनत की है, और घोड़े के साथ अभिनय करना आसान नहीं होता, लेकिन फिल्म की कमजोर स्क्रिप्ट और निर्देशन ने उनकी मेहनत को फीका कर दिया। उनका प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि वे भविष्य में अच्छे कलाकार साबित हो सकते हैं, अगर उन्हें बेहतर स्क्रिप्ट और निर्देशन मिले।
राशा ने फिल्म में घुड़सवारी के कुछ शॉट्स दिए हैं, लेकिन उनकी असल घुड़सवारी की कमी स्पष्ट थी। कई शॉट्स में उन्होंने बॉडी डबल का इस्तेमाल किया, जिससे यह साफ हो गया कि उन्हें घुड़सवारी में महारत हासिल नहीं है। हालांकि, उनकी मेहनत में कोई कमी नहीं थी, लेकिन यह फिल्म के गुणवत्ता को प्रभावित करता है।
अजय देवगन का अभिनय भी फीका था। उनकी आँखों से अभिनय करने की शैली इस फिल्म में पूरी तरह से नज़र नहीं आई, और उनका प्रदर्शन उनकी पिछली फिल्मों से कहीं कमजोर था।
निर्देशन: एक असफल प्रयास
Azaadके निर्देशक अभिषेक कपूर, जो पहले काई पो चे, केदारनाथ, और रॉक ऑनजैसी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्में बना चुके हैं, इस फिल्म में बिल्कुल भी प्रभावी नजर नहीं आते। फिल्म की कहानी, निर्देशन और स्क्रिप्ट की कमी के कारण यह फिल्म दर्शकों से एक मजबूत कनेक्शन बनाने में असफल रही। फिल्म के किसी भी सीन में ऐसा कुछ भी नहीं है जो आपको चौंका सके, रुला सके या फिर कनेक्ट कर सके।
संगीत और एक्शन: कुछ भी खास नहीं
फिल्म के संगीत और एक्शन भी आम हैं। आज के समय में जब दर्शकों को हाई-ऑक्टेन एक्शन और पावरफुल संगीत की उम्मीद होती है, तब Azaadइनमें से कुछ भी नहीं दे पाती। इस फिल्म में जितना भी एक्शन है, वह उम्मीदों के खिलाफ बेहद साधारण लगता है।
कुल मिलाकर, Azaadएक निराशाजनक अनुभव है। यह फिल्म न तो दर्शकों को इमोशन के स्तर पर जोड़ पाती है और न ही एक अच्छा मनोरंजन प्रदान करती है। अगर आपको पुराने जमाने की सादगी पसंद हो तो यह फिल्म शायद आपके लिए हो, लेकिन अगर आप एक अच्छे और प्रभावी सिनेमा की तलाश में हैं, तो इस फिल्म को न देखें।
अगर फिल्म को लेकर किसी बदलाव की उम्मीद की जा सकती है, तो वह इसके तकनीकी पक्षों और बेहतर स्क्रिप्ट की तरफ हो सकती है। लेकिन इस वक्त के बॉलीवुड में Azaadजैसी फिल्में दर्शकों को निराश करने के अलावा कुछ नहीं करती।