बाबा राम रहीम को फिर मिली पैरोल, 7 साल बाद सिरसा डेरा जाएंगे
बाबा राम रहीम को मिली पैरोल: 2017 के बाद पहली बार सिरसा डेरा पहुंचेंगे
हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह इंसां को एक बार फिर पैरोल मिल गई है। 2017 में सजा सुनाए जाने के बाद यह पहला मौका है जब वह सिरसा स्थित अपने डेरा मुख्यालय में पहुंचने जा रहे हैं। यह निर्णय सुरक्षा और प्रशासनिक मंजूरी के बाद लिया गया है, और इसके साथ ही एक बार फिर डेरा प्रमुख की सिरसा वापसी चर्चा का विषय बन गई है।
2017 के बाद पहली बार डेरा पहुंचेंगे बाबा राम रहीम
गुरमीत राम रहीम सिंह को सुनारिया जेल में सजा मिलने के बाद से सिरसा स्थित अपने डेरा मुख्यालय में कदम रखने का अवसर नहीं मिला था। 2017 में दुष्कर्म और हत्याओं के मामलों में सजा सुनाए जाने के बाद, वह लंबे समय तक अपनी सजा काटने के लिए जेल में बंद थे। अब, करीब सात साल बाद, उन्हें पैरोल दी गई है और वह सिरसा स्थित अपने डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय जाएंगे।
इस बार, गुरमीत राम रहीम सिंह का मार्ग बागपत के बरनावा से नहीं होकर सिरसा तक जाएगा। यह बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले वह अपनी पैरोल के दौरान बरनावा स्थित आश्रम में ही रहते थे। अब, उनकी यात्रा सिरसा तक सीमित रहेगी, जहां वह डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों से मिलेंगे।
कड़ी सुरक्षा के बीच बाबा राम रहीम की जेल से रिहाई
गुरमीत राम रहीम को सुनारिया जेल से रिहाई देने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत बाहर लाया गया। पुलिस और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के बीच उनका यह दौरा संपन्न होगा। हरियाणा और पंजाब पुलिस के अधिकारी इस यात्रा को लेकर चौकस हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। यह सुरक्षा व्यवस्था इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बाबा राम रहीम के अनुयायी और विरोधी दोनों ही वर्गों के लोग उनकी यात्रा को लेकर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं।
बाबा राम रहीम को मिल रही पैरोल को लेकर विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक हलकों में विवाद उठने की संभावना है, क्योंकि यह उनके खिलाफ लंबित मामलों और उनकी सजा को लेकर आलोचना का कारण बन सकता है। हालांकि, प्रशासन की तरफ से यह कहा गया है कि यह पैरोल केवल एक विशेष समय के लिए है और इसके बाद उन्हें फिर से जेल में लौटना होगा।
डेरा सच्चा सौदा की स्थिति और राम रहीम की वापसी
गुरमीत राम रहीम सिंह की वापसी से डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों में उत्साह का माहौल है। उन्हें ‘मसिहा’ के रूप में पूजा जाता है, और उनके डेरा प्रमुख बनने के बाद संस्था ने काफी वृहद विस्तार किया था। हालांकि, 2017 में उनकी गिरफ्तारी के बाद से डेरा में कुछ गहरे उतार-चढ़ाव देखे गए। लेकिन अब, राम रहीम की वापसी से उनके समर्थकों में एक नई ऊर्जा का संचार होने की संभावना है।
इस बीच, विरोधी वर्ग यह आरोप लगाता है कि बाबा राम रहीम को मिलने वाली पैरोल राजनीति से प्रेरित है और इसे एक तरीके से धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। विपक्षी दलों का कहना है कि इस फैसले से कानून और व्यवस्था की स्थिति पर असर पड़ सकता है।
गुरमीत राम रहीम सिंह की पैरोल और सिरसा में उनकी वापसी ने प्रदेश में हलचल मचा दी है। इस फैसले के बाद से यह सवाल उठने लगा है कि क्या उनके खिलाफ चल रही कानूनी प्रक्रियाओं को लेकर सरकार और प्रशासन ने सही कदम उठाए हैं या नहीं। वहीं, डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी बाबा राम रहीम की वापसी का स्वागत करेंगे, लेकिन राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से यह एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है। अब देखना यह है कि उनकी वापसी के बाद सिरसा में क्या घटनाक्रम सामने आता है और क्या यह मामला आगामी विधानसभा चुनावों पर भी असर डाल सकता है।