EPFO के तहत कर्मचारियों के लिए बड़ी अपडेट, वेतन सीमा में हो सकती है बढ़ोतरी
EPFO के तहत वेतन सीमा बढ़ाने की तैयारी
केंद्र सरकार EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव पर विचार कर रही है। सरकार जल्द ही EPFO में शामिल होने के लिए वेतन सीमा में वृद्धि कर सकती है। साथ ही, कर्मचारियों की संख्या की सीमा को भी घटाने पर विचार हो रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज को बढ़ाना और अधिक से अधिक कर्मचारियों को EPFO के तहत लाना है। यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो EPFO के तहत आने वाले कर्मचारियों को बड़ी राहत मिल सकती है, साथ ही उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का भी बेहतर लाभ मिलेगा।
वर्तमान वेतन सीमा और प्रस्तावित बढ़ोतरी
वर्तमान में EPFO के तहत कर्मचारियों के लिए वेतन सीमा 15,000 रुपये प्रति माह है, जिसका अर्थ है कि जिन कर्मचारियों का वेतन 15,000 रुपये से कम है, वे EPFO के तहत आते हैं और उन्हें पीएफ (Provident Fund) और पेंशन योजना का लाभ मिलता है। हालांकि, यह सीमा अब बढ़ाकर 21,000 रुपये तक की जा सकती है, जो कि लगभग 6,000 रुपये की वृद्धि को दर्शाता है।
इसका मतलब यह है कि अब 21,000 रुपये तक का वेतन पाने वाले कर्मचारियों को EPFO के तहत कवर किया जाएगा, और उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का फायदा मिलेगा। यह बदलाव कर्मचारियों को पेंशन और अन्य लाभों के मामले में बेहतर सुरक्षा प्रदान करेगा।
कर्मचारी संख्या सीमा में भी बदलाव
इसके अलावा, सरकार EPFO में शामिल होने के लिए कंपनियों में कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या की सीमा को भी घटाने पर विचार कर रही है। वर्तमान में EPFO में शामिल होने के लिए किसी कंपनी में कम से कम 20 कर्मचारी होने चाहिए। यह संख्या घटाकर 10 से 15 कर्मचारी करने का प्रस्ताव है।
इस प्रस्ताव का उद्देश्य यह है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार की कंपनियां भी EPFO के तहत आ सकें और उनके कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा की सुविधा मिल सके। इससे अधिक कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज मिलेगा और उनका भविष्य सुरक्षित होगा।
मंत्रालय में चल रही चर्चाएं
श्रम और रोजगार मंत्रालय इस प्रस्ताव पर स्टेकहोल्डर्स के साथ बातचीत कर रहा है। मंत्रालय के अनुसार, सरकार का उद्देश्य Social Security Code को जल्द लागू करना है और इसको लेकर महत्वपूर्ण चर्चा चल रही है। इस विषय पर गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है ताकि EPFO में शामिल होने के लिए कर्मचारियों की संख्या और वेतन सीमा में बदलाव को सही तरीके से लागू किया जा सके।
यह चर्चा एक संचालन समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर हो रही है, जो कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा उपायों को अधिक व्यापक और गहन बनाने की दिशा में काम कर रही है।
अंतिम वेतन संशोधन और कर्मचारियों को मिलेगा ज्यादा फायदा
EPFO के तहत वेतन सीमा में यह बदलाव लंबे समय से चर्चा का विषय था। पिछले वेतन सीमा संशोधन 2014 में हुआ था, जब इसे 6,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया था। यदि यह नया प्रस्ताव लागू होता है, तो कर्मचारियों को उच्च वेतन सीमा का लाभ मिलेगा, जिससे उनके पीएफ अकाउंट में अधिक योगदान होगा और उनकी पेंशन भी बढ़ेगी।
विरोध भी हो रहा है
हालांकि, इस प्रस्ताव का कुछ वर्गों द्वारा विरोध भी किया जा रहा है। सूक्ष्म और लघु कंपनियों का कहना है कि 20 कर्मचारियों की सीमा को घटाकर 10 या 15 करने से उनके लिए अनुपालन बोझ और लागत में वृद्धि हो सकती है। उनका कहना है कि इससे कंपनियों पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव पड़ेगा, खासकर छोटी कंपनियों को इससे चुनौती हो सकती है।
EPFO में योगदान की संरचना
EPFO के तहत कर्मचारियों और कंपनियों दोनों को 12-12% योगदान करना अनिवार्य है। कर्मचारी का पूरा 12% योगदान उनके PF अकाउंट में जाता है, जबकि कंपनी का 8.33% योगदान कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है और बाकी का 3.67% योगदान PF अकाउंट में जाता है।
EPFO के तहत कर्मचारियों के लिए वेतन सीमा में प्रस्तावित बढ़ोतरी और कर्मचारियों की संख्या सीमा में बदलाव से सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का दायरा बढ़ेगा और कर्मचारियों को बेहतर लाभ मिलेगा। हालांकि, इसके साथ ही सूक्ष्म और लघु कंपनियों को इस बदलाव से जुड़े अतिरिक्त बोझ का सामना करना पड़ सकता है। इस बदलाव के लागू होने के बाद कर्मचारियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, जिससे उनके भविष्य को लेकर सुरक्षा सुनिश्चित होगी।