हरियाणा में पहली कक्षा में दाखिले की उम्र में बदलाव, जानें नए नियम

हरियाणा में पहली कक्षा में दाखिले की उम्र में बदलाव, जानें नए नियम

हरियाणा में बच्चों के स्कूल शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। आगामी शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से कक्षा 1 में दाखिले के लिए बच्चों की आयु सीमा में बदलाव किया गया है। यह बदलाव नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत किए जा रहे सुधारों के हिस्से के रूप में आया है। राज्य सरकार की ओर से इस नीति को लागू करने की तैयारी की जा रही है, जिससे बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर अवसर मिलेंगे।

नई शिक्षा नीति में आयु सीमा का बदलाव

हरियाणा सरकार ने स्कूल और जन शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कक्षा 1 में प्रवेश के लिए बच्चों की आयु को 6 वर्ष तय किया है। इसका मतलब है कि अब केवल वही बच्चे पहली कक्षा में प्रवेश ले सकेंगे, जिनकी आयु 6 वर्ष पूरी हो चुकी होगी। यह आयु 1 सितंबर 2025 तक पूरी होनी चाहिए। यह कदम बच्चों के सही उम्र में शिक्षा प्राप्त करने और उनकी बुनियादी समझ को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

शिशु वाटिका की शुरुआत

नई शिक्षा नीति के तहत, एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब 5 से 6 साल के बच्चों के लिए एक नई प्री-स्कूल कक्षा की शुरुआत की जाएगी। इस कक्षा का नाम ‘शिशु वाटिका’ रखा गया है। यह कक्षा बच्चों को कक्षा 1 में दाखिले के लिए तैयार करेगी और उनकी बुनियादी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगी। इससे बच्चों को खेलने और गतिविधियों के माध्यम से सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे उनका समग्र विकास होगा। शिशु वाटिका में निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी, ताकि सभी बच्चों तक यह सुविधा पहुंचे।

नई शिक्षा नीति का उद्देश्य और दिशा-निर्देश

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत, शिक्षा को बच्चों की उम्र और समझ के हिसाब से ढाला जाएगा। इसके तहत बच्चों को खेल और गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी, जिससे उन्हें बुनियादी चीजें सिखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, शिक्षा को स्थानीय संस्कृति से जोड़ने पर भी जोर दिया जाएगा। 15 जनवरी 2025 को जारी की गई अधिसूचना के तहत, राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा अपनाई जाएगी, जो स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप होगी।

शिक्षा में व्यावहारिक ज्ञान और कौशल पर जोर

नई नीति के तहत प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा 1 से 5) में बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार शिक्षा दी जाएगी, जिसमें गणित, भाषा और विज्ञान जैसे बुनियादी विषयों को शामिल किया जाएगा। वहीं, कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा में बच्चों के व्यावहारिक ज्ञान और कौशल पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। बच्चों को व्यावहारिक रूप से जीवन में काम आने वाले कौशल सिखाने का उद्देश्य इस नीति का प्रमुख हिस्सा है।

हरियाणा में नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 1 में दाखिले की उम्र 6 साल तय की गई है और साथ ही 5 से 6 साल के बच्चों के लिए ‘शिशु वाटिका’ नामक एक प्री-स्कूल कक्षा की शुरुआत की जाएगी। यह कदम बच्चों की शिक्षा को अधिक व्यवस्थित और समग्र बनाने के लिए उठाया गया है। शिक्षा को स्थानीय संस्कृति से जोड़ने और व्यावहारिक ज्ञान पर जोर देने के उद्देश्य से यह नीति तैयार की गई है। अब शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे इन बदलावों के माध्यम से हरियाणा में बच्चों को बेहतर अवसर और गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सकेगी।

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