बोरवेल में फंसी चेतना: राजस्थान के कोटपुतली में 175 घंटों से जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन
कोटपुतली (राजस्थान) में बोरवेल में फंसी तीन साल की चेतना, परिजनों की घबराहट और बचाव कार्य में मुश्किलें
राजस्थान के कोटपुतली में तीन साल की बच्ची चेतना पिछले 8 दिनों से बोरवेल में फंसी हुई है। 23 दिसम्बर को खेलते समय चेतना 150 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी, और तब से उसका रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस समय तक बच्ची करीब 175 घंटे से भी ज्यादा समय से बोरवेल में फंसी हुई है, लेकिन उसे अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। यह स्थिति न केवल परिजनों के लिए, बल्कि पूरी क्षेत्रीय जनता के लिए चिंता का कारण बन गई है।
रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियां
चेतना को बचाने के लिए सोमवार, 30 दिसम्बर को भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था। रैट माइनर टीम के 10 जवान 170 फीट गहरी सुरंग की खुदाई में जुटे हुए हैं। यह सुरंग करीब 10 फीट गहरी बनाई जा रही है, लेकिन अब तक केवल चार फीट की खुदाई की जा सकी है। इस ऑपरेशन में सबसे बड़ी चुनौती पथरीली और सख्त ज़मीन आ रही है, जिससे सुरंग बनाने में परेशानी हो रही है। अधिकारियों के अनुसार, 6 फीट और खोदने के बाद सुरंग को होरिजेंटल बनाया जाएगा, ताकि बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
चेतना की स्थिति और रेस्क्यू टीम की निरंतर मेहनत
सुरंग की खुदाई के दौरान हर घंटे जवानों की टीम बदल दी जा रही है, ताकि थकान और ऑक्सीजन की कमी से बचा जा सके। इस जटिल प्रक्रिया के बावजूद, अधिकारियों का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी कई बाधाएं हैं, लेकिन टीम पूरी कोशिश कर रही है।
बच्ची का स्वास्थ्य और परिजनों की चिंता
पांच दिन से कैमरे में बच्ची का कोई मूवमेंट नहीं दिखाई दिया है, जिससे परिजनों और स्थानीय लोगों में चिंता और घबराहट बढ़ गई है। इस दौरान बच्ची की स्थिति के बारे में अधिकारियों की तरफ से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। यही कारण है कि हर कोई यही सवाल कर रहा है कि बच्ची इस समय किस स्थिति में होगी।
प्लान ए और प्लान बी का इस्तेमाल
रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत में प्लान ए का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन जब यह सफल नहीं हो पाया तो 25 दिसम्बर से प्लान बी पर काम शुरू किया गया। इस प्लान में दूसरे बोरवेल से सुरंग खोदी जा रही है। हालांकि, सुरंग बनाने की प्रक्रिया में लगातार देरी हो रही है, खासकर पत्थरीली ज़मीन के कारण।
स्थानीय लोग और परिजनों का दर्द
रेस्क्यू ऑपरेशन की देरी से स्थानीय लोगों और परिजनों में सवाल उठ रहे हैं। लोग यह मानते हैं कि अगर पहले ही दोनों प्लान (ए और बी) एक साथ शुरू कर दिए जाते, तो शायद बच्ची को जल्दी ही सुरक्षित बाहर निकाला जा सकता था। इस घटना ने क्षेत्र के लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है, और सभी की नजरें रेस्क्यू ऑपरेशन पर लगी हुई हैं।
कोटपुतली में बोरवेल में फंसी तीन साल की चेतना की रेस्क्यू ऑपरेशन की स्थिति लगातार चिंताजनक होती जा रही है। हालांकि, अधिकारियों द्वारा दिन-रात मेहनत की जा रही है, लेकिन सख्त और पथरीली ज़मीन रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा डाल रही है। यह हादसा न केवल चेतना के परिवार के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक कठिन समय है। सभी की दुआ और आशा है कि बच्ची जल्द ही सुरक्षित बाहर निकाली जाए, ताकि इस दिल दहला देने वाली घटना का दुखद अंत न हो।