सिरसा में प्राइवेट इंस्टीट्यूट पर सीएम फ्लाइंग की रेड, फर्जी डिग्रियां और मुहरें बरामद
सिरसा (सतनाम सिंह): हरियाणा के सिरसा जिले में एक प्राइवेट इंस्टीट्यूट पर सीएम फ्लाइंग की टीम ने छापेमारी की, जिसके बाद कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस रेड के दौरान सीएम फ्लाइंग की टीम को संस्थान से फर्जी डिग्रियां, सर्टिफिकेट और मुहरें बरामद हुई हैं। यह कार्रवाई फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट बनाने की शिकायत के बाद की गई, और इस घटना ने पूरे जिले में हलचल मचा दी है।
सीएम फ्लाइंग की छापेमारी
सीएम फ्लाइंग की टीम को सूचना मिली थी कि सिरसा के एक प्राइवेट इंस्टीट्यूट में फर्जी डिग्रियां बनाई जा रही हैं। यह शिकायत मिलते ही सीएम फ्लाइंग ने तुरंत रेड करने की योजना बनाई और छापेमारी की। जब टीम मौके पर पहुंची, तो उन्होंने पाया कि संस्थान में स्टाफ की केवल चार लड़कियां ही मौजूद थीं। छापेमारी के दौरान टीम को फर्जी डिग्रियों के साथ कई अहम दस्तावेज भी मिले, जो इस पूरे मामले को और भी गंभीर बनाते हैं।
सीएम फ्लाइंग की टीम ने यह पाया कि संस्थान में फर्जी डिग्रियों के अलावा फर्जी मुहरें भी इस्तेमाल हो रही थीं। दस्तावेजों में B.Sc एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग और 10वीं-12वीं के सर्टिफिकेट शामिल थे। इसके अलावा, सीएम फ्लाइंग को छत्तीसगढ़ बोर्ड, उत्तर प्रदेश की यूनिवर्सिटीज और ओपन स्कूल की कई मोहरे भी मिलीं, जिनका इस्तेमाल इन फर्जी डिग्रियों को वैध दिखाने के लिए किया जा रहा था।
फर्जी डिग्रियों का व्यापार
सूत्रों के अनुसार, यह प्राइवेट इंस्टीट्यूट लंबे समय से फर्जी डिग्रियां बेचने का कारोबार चला रहा था। यह संस्थान न केवल विभिन्न शैक्षणिक स्तरों की डिग्रियां बेचता था, बल्कि कुछ गुप्त तरीके से विभिन्न विश्वविद्यालयों की मुहरें और प्रमाणपत्र भी तैयार करता था। इन डिग्रियों को आमतौर पर उन लोगों को बेचा जाता था, जो अपनी शैक्षिक योग्यताओं को पूरा करना चाहते थे, या जिन्हें नौकरी पाने के लिए फर्जी डिग्री की आवश्यकता थी।
क्या कह रहे हैं अधिकारी?
ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने इस रेड के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्राथमिक जांच से यह स्पष्ट हो रहा है कि यहां पर फर्जी डिग्रियां छापी जा रही थीं। उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी और जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, इंस्टीट्यूट का मालिक फरार है, और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
उन्होंने कहा कि यह छापेमारी केवल शुरुआत है, और जांच के बाद पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा। इस पूरे मामले में कई और महत्वपूर्ण दस्तावेजों की बरामदगी की उम्मीद की जा रही है, जो इस घोटाले के असली चेहरे को बेनकाब करेंगे।
क्या है इसका असर?
सिरसा में इस छापेमारी के बाद, शिक्षा क्षेत्र में फैले इस तरह के फर्जीवाड़े पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। ऐसे मामलों में फर्जी डिग्रियों का कारोबार सिर्फ छात्रों के भविष्य को ही नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि समाज में गलत परंपराओं और अपराधों को भी बढ़ावा देता है। ऐसे मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह के धोखाधड़ी से जुड़े मामलों को रोका जा सके।
आगे की कार्रवाई
सीएम फ्लाइंग की टीम ने जिन दस्तावेजों को बरामद किया है, उनसे यह साबित होता है कि इस संस्थान द्वारा फर्जी डिग्रियां बनाने का काम लंबे समय से किया जा रहा था। पुलिस और जांच एजेंसियों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। जल्द ही इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं और पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा।
सिरसा में सीएम फ्लाइंग की रेड के दौरान मिली फर्जी डिग्रियां और प्रमाणपत्र इस बात का संकेत हैं कि शिक्षा क्षेत्र में फर्जीवाड़ा काफी हद तक बढ़ चुका है। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि इस तरह के धोखाधड़ी के प्रयासों को पूरी तरह से नष्ट किया जा सके। इस मामले की जांच जारी है और पुलिस जल्द ही आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है।