हरियाणा में ओलावृष्टि से तबाह हुई फसलें, सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर दिया पानी
हरियाणा में पिछले दो दिनों से हुई बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के लिए एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। इस प्राकृतिक आपदा ने राज्य के कई क्षेत्रों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। ओलावृष्टि से सब्जी, सरसों, चने और अन्य फसलों को पूरी तरह से नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में सरकार ने स्थिति का संज्ञान लिया और किसानों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है।
ओलावृष्टि से प्रभावित 63 गांव
गुरुवार और शुक्रवार को हरियाणा के हिसार, फतेहाबाद, रेवाड़ी, कैथल और महेन्द्रगढ़ जिलों में भारी ओलावृष्टि और बारिश हुई। इससे इन क्षेत्रों के किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। खासतौर पर हिसार और फतेहाबाद में किसानों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। यहां के 63 गांवों में सब्जी, सरसों और चने की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं। इन गांवों में किसानों की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ा है, क्योंकि कई किसानों ने अपनी सारी पूंजी इन फसलों में लगा दी थी।
इसके अलावा, पानीपत, करनाल, सोनीपत और कुरुक्षेत्र में भी शनिवार को रुक-रुक कर बारिश हुई, जिससे किसानों को थोड़ी राहत मिली, लेकिन नुकसान पहले ही हो चुका था। इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों के लिए मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
हिसार में टूटा 35 साल पुराना रिकॉर्ड
हिसार जिले में शुक्रवार को हुई ओलावृष्टि ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया। दिसंबर महीने में वहां 35 साल बाद इतनी अधिक बारिश हुई। एक दिन में 12 से 13 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। ओलावृष्टि के कारण हिसार के करीब 50 गांवों में सरसों और चने की फसलें पूरी तरह से खराब हो गईं। वहीं, हांसी क्षेत्र में सब्जी की फसल भी बर्बाद हो गई। यह स्थिति किसानों के लिए एक बड़े झटके के समान है, क्योंकि ये फसलें उनकी आय का प्रमुख स्रोत थीं।
ठंड और कोहरे से बढ़ी मुश्किलें
मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले दिनों में ठंड और कोहरे में और अधिक बढ़ोतरी होने की संभावना है। 29 दिसंबर से हवा की दिशा में बदलाव होने वाला है, जिससे मैदानी इलाकों में ठंड और बढ़ेगी। इससे किसानों को और भी अधिक परेशानी हो सकती है, क्योंकि ठंड में फसलों को संरक्षण की जरूरत होती है।
साथ ही, सुबह के समय कोहरे का असर सड़क यातायात पर भी पड़ेगा। वाहन चालकों को कोहरे के कारण दुर्घटनाओं से बचने के लिए धीमी गति से वाहन चलाने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने भी इस संबंध में चेतावनी जारी की है और नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है।
सरकार का मुआवजे का ऐलान
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को कैबिनेट बैठक के बाद फसलों के नुकसान का जायजा लिया और प्रभावित क्षेत्रों के डिप्टी कमिश्नरों को नुकसान की रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। इसके साथ ही सरकार ने यह भी ऐलान किया कि जिन किसानों का फसल बीमा है, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, जिन किसानों के पास बीमा नहीं है, उनके लिए भी सरकार मुआवजे की योजना बना रही है। यह कदम किसानों के लिए राहत देने वाला साबित होगा, क्योंकि ओलावृष्टि से हुई तबाही के बाद उन्हें आर्थिक रूप से संजीवनी की आवश्यकता है।
हरियाणा में हुई ओलावृष्टि ने राज्य के किसानों के लिए एक बड़ा संकट खड़ा किया है। फसलों की भारी तबाही और मौसम की विकट स्थिति के बीच सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया है, जो किसानों के लिए कुछ राहत का कारण बन सकता है। हालांकि, आगे आने वाले दिनों में ठंड और कोहरे का असर और बढ़ सकता है, जिससे किसानों की समस्याएं और भी गहरी हो सकती हैं। इस स्थिति में किसानों को सरकार से और अधिक सहायता की आवश्यकता होगी, ताकि वे इस कठिन समय से उबर सकें।