अमेरिका से भारतीयों की डिपोर्टेशन प्रक्रिया शुरू, C-17 विमान रवाना
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सख्त इमिग्रेशन एजेंडा
अमेरिका में हाल ही में डिपोर्टेशन प्रक्रिया का आगाज हुआ है, और इसके तहत भारतीय नागरिकों को अमेरिका से बाहर भेजने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से ही उन्होंने अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालने के लिए कड़े कदम उठाए थे। ट्रंप ने अपने इमिग्रेशन एजेंडे को लागू करने के लिए सेना की मदद ली है, जिसके तहत अमेरिकी सैन्य विमान का इस्तेमाल कर अवैध प्रवासियों को उनके देशों में वापस भेजा जा रहा है।
भारतीय नागरिकों की डिपोर्टेशन शुरू
हाल ही में, एक अमेरिकी सैन्य विमान C-17 भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट करने के लिए रवाना हुआ। इस विमान में उन भारतीय नागरिकों को ले जाया जाएगा, जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे। हालांकि, यह विमान भारत तक अगले 24 घंटे में नहीं पहुंचेगा, इसके लिए अभी यात्रियों को इंतजार करना होगा।
पेंटागन ने इस पूरे डिपोर्टेशन प्रक्रिया की निगरानी शुरू कर दी है और इसके तहत अमेरिकी अधिकारियों ने एल पासो, टेक्सास और सैन डिएगो, कैलिफोर्निया में स्थित 5,000 से अधिक अप्रवासियों को डिपोर्ट करने के लिए फ्लाइट्स भी प्रदान करना शुरू कर दिया है। इनमें से कुछ फ्लाइट्स ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास जैसे देशों के लिए थीं, जबकि भारतीय नागरिकों को विशेष रूप से C-17 विमान के माध्यम से डिपोर्ट किया जा रहा है।
मेक्सिको और अन्य देशों के अप्रवासियों को भी किया जा रहा है डिपोर्ट
अमेरिका की डिपोर्टेशन प्रक्रिया केवल भारतीयों तक सीमित नहीं है। ट्रंप प्रशासन ने अवैध मेक्सिकन प्रवासियों को भी अपने देश से बाहर भेजने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया गया है, जो अवैध प्रवासियों को सीमा से बाहर निकालने का काम कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन का यह कदम उनके इमिग्रेशन एजेंडे के तहत ही उठाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य अमेरिका में अवैध प्रवासियों की संख्या को कम करना है।
डिपोर्टेशन की प्रक्रिया में वृद्धि
अमेरिका का इमिग्रेशन मुद्दा लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है। ट्रंप ने अपने कार्यकाल में कई बार कहा है कि अवैध प्रवासियों को वापस उनके देशों में भेजने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। इस उद्देश्य के तहत, उन्होंने 1.5 मिलियन लोगों की एक सूची तैयार की है, जिसमें करीब 18,000 भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। इन सभी को डिपोर्ट किया जाएगा।
हालांकि, इस डिपोर्टेशन प्रक्रिया को लेकर कई विवाद भी उठे हैं, खासकर उन परिवारों के बीच जो वर्षों से अमेरिका में रह रहे हैं। उनकी स्थिति और उनके बच्चों के भविष्य को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। लेकिन ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह कदम देश के इमिग्रेशन सिस्टम को सुधारने के लिए लिया गया है।
भारतीयों के लिए क्या है भविष्य?
भारत से डिपोर्ट किए गए नागरिकों के लिए सवाल यह है कि उनका भविष्य क्या होगा। जो भारतीय नागरिक वर्षों से अमेरिका में रह रहे थे, उनके लिए इस बदलाव को स्वीकार करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अमेरिका में डिपोर्ट किए गए भारतीय नागरिकों को अब अपने देश लौटकर नए सिरे से जीवन की शुरुआत करनी होगी।
इसके अलावा, भारतीय सरकार की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है क्योंकि वह इन डिपोर्ट किए गए नागरिकों की देखभाल और पुनर्वास के लिए योजनाएं बना सकती है। सरकार की भूमिका इन नागरिकों को वापस समाज में शामिल करने और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने में अहम होगी।
अमेरिका से भारतीय नागरिकों की डिपोर्टेशन प्रक्रिया की शुरुआत के साथ, यह स्पष्ट है कि ट्रंप प्रशासन अवैध प्रवासियों के खिलाफ अपनी नीति को सख्ती से लागू कर रहा है। हालांकि यह कदम कुछ लोगों के लिए राहत का कारण बन सकता है, वहीं अन्य के लिए यह एक कठिन अनुभव होगा। समय के साथ, यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय सरकार इन नागरिकों के पुनर्वास के लिए किस तरह की योजनाएं बनाती है।