हरियाणा में 50 करोड़ के गबन का खुलासा: एसीबी ने की बड़ी कार्रवाई
गबन मामले में पैसों की बरामदगी
हरियाणा में एक बड़े सरकारी गबन मामले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें आरोपी सतपाल, एक कर्मचारी, ने लगभग 50 करोड़ रुपये की सरकारी धनराशि में से 21,96,500 रुपये की गबन राशि अपने भाई के कब्जे से बरामद करवाई है। यह कार्रवाई 1 फरवरी 2025 को पुलिस रिमांड के दौरान की गई, और कार्यवाही के दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई। इससे पहले, 31 जनवरी 2025 को, आरोपी ने अपने दोस्त हकुम से 61,43,150 रुपये की गबन राशि भी बरामद करवाई थी।
यह मामला हरियाणा के पलवल जिले के होडल क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, जहां आरोपी सतपाल खजाना कार्यालय के कर्मचारी के रूप में कार्यरत था। गबन के इस मामले में एसीबी ने कड़ी कार्रवाई की है और आरोपी से जुड़े अन्य तथ्यों का खुलासा किया है।
आरोपी की गिरफ्तारी और संपत्तियों की कुर्की
हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मामले में आरोपी शमशेर सिंह, सेवानिवृत एसओ, को भी गिरफ्तार किया है, और उसके पंचकूला स्थित घर से 3,65,36,300 रुपये की नगद राशि बरामद की गई है। इसके अलावा, जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपियों की लगभग 35 करोड़ रुपये की संपत्तियों का पता चला है, जिनको अब कुर्क करने की कार्रवाई की जा रही है।
अभी तक, इस मामले में चार प्रमुख आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें राकेश लिपिक, सतपाल, शमशेर सिंह और विजेन्द्र कुमार, सहायक खजाना अधिकारी, शामिल हैं। ये सभी आरोपी फिलहाल एसीबी की कस्टडी में हैं और 3 फरवरी 2025 तक पुलिस रिमांड पर रहेंगे।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कड़ी कार्रवाई
हरियाणा के फरीदाबाद जिले में स्थित खंड विकास और पंचायत कार्यालय हसनपुर में 50 करोड़ रुपये से अधिक के गबन की जांच एसीबी द्वारा की जा रही है। एसीबी ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC), भ्रष्टाचार निरोधक कानून, और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों के खिलाफ यह मामला 24 जनवरी 2025 को दर्ज किया गया था, जिसमें भ्रष्टाचार और सरकारी धन के गबन का आरोप लगाया गया है।
इस कार्रवाई में आरोपी राकेश लिपिक, सतपाल, शमशेर सिंह, और विजेन्द्र कुमार की गिरफ्तारी हो चुकी है, और एसीबी की जांच टीम आरोपियों की संपत्तियों और अन्य संदिग्ध लेन-देन की जांच कर रही है।
गबन की परतें खुलने का सिलसिला
यह मामला हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण है, जहां बड़े पैमाने पर गबन की घटनाएं सामने आ रही हैं। एसीबी की इस कार्रवाई ने सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार की परतें खोल दी हैं। आरोपियों ने सरकारी धन का गबन कर निजी लाभ के लिए इसका दुरुपयोग किया, जो न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह समाज में सार्वजनिक विश्वास को भी नुकसान पहुंचाता है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की है और यह संदेश दिया है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी को भ्रष्टाचार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
हरियाणा में हुए 50 करोड़ रुपये के गबन मामले ने राज्य के प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर किया है। एसीबी द्वारा की गई कार्रवाई यह स्पष्ट करती है कि अब सरकारी कर्मचारी और अधिकारी कानून से ऊपर नहीं हैं और कोई भी भ्रष्टाचार के आरोपित नहीं बच सकते। इस तरह की कार्रवाइयों से यह उम्मीद जताई जा सकती है कि भविष्य में भ्रष्टाचार पर काबू पाने के लिए प्रशासन और भी सख्त कदम उठाएंगे।
इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि सार्वजनिक धन की रक्षा के लिए सरकार और जांच एजेंसियां पूरी तरह से सक्रिय हैं और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।