हरियाणा सरकार का खजाना भरने में फरीदाबाद और गुरुग्राम की अहम भूमिका

हरियाणा सरकार का खजाना भरने में फरीदाबाद और गुरुग्राम की अहम भूमिका

हरियाणा के दो प्रमुख जिले, फरीदाबाद और गुरुग्राम, सरकार के खजाने को भरने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। दोनों जिलों ने रजिस्ट्री और अन्य दस्तावेजों के पंजीकरण से सरकार को भारी राजस्व प्रदान किया है। पिछले वित्त वर्ष में गुरुग्राम ने 5,000 करोड़ रुपये और फरीदाबाद ने 1,000 करोड़ रुपये का राजस्व सरकार को दिया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि इन दोनों जिलों में रियल एस्टेट और प्रॉपर्टी मार्केट का कारोबार तेजी से बढ़ा है, जो राज्य सरकार के खजाने में योगदान कर रहा है।

गुरुग्राम ने दिया 5,522 करोड़ रुपये का राजस्व

गुरुग्राम ने वित्त वर्ष 2023-24 में सबसे अधिक राजस्व सरकार को दिया है। आंकड़ों के अनुसार, गुरुग्राम ने कुल 5,522.36 करोड़ रुपये का राजस्व जमा किया, जो कि हरियाणा के कुल खजाने में एक बड़ा हिस्सा है। इस राजस्व का मुख्य स्रोत रजिस्ट्री, स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क है, जो प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने के दौरान जमा किया जाता है। यह संकेत है कि गुरुग्राम में रियल एस्टेट क्षेत्र में भारी वृद्धि हो रही है, और इसका सीधा लाभ राज्य सरकार को हो रहा है।

फरीदाबाद का योगदान: 1,000 करोड़ रुपये

फरीदाबाद, जिसे औद्योगिक नगरी भी कहा जाता है, ने भी इस वर्ष सरकार को एक महत्वपूर्ण राजस्व दिया है। फरीदाबाद ने पिछले वर्ष 1,058.35 करोड़ रुपये का राजस्व सरकार को प्रदान किया। यह आंकड़ा इस बात को स्पष्ट करता है कि फरीदाबाद में प्रॉपर्टी के बाजार में गति आई है और यहां की रजिस्ट्री में भी बढ़ोतरी देखी गई है। प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन से होने वाली आय ने जिले के विकास को तेज किया है और सरकार को खजाने में भी इसने महत्वपूर्ण योगदान किया है।

अन्य प्रमुख जिले: सोनीपत, करनाल और पानीपत

गुरुग्राम और फरीदाबाद के अलावा, हरियाणा के अन्य जिले भी सरकार के खजाने को भरने में योगदान कर रहे हैं। सोनीपत ने 530.74 करोड़ रुपये, करनाल ने 397.3 करोड़ रुपये और पानीपत ने 374.42 करोड़ रुपये का राजस्व सरकार को दिया है। इन जिलों में भी रियल एस्टेट का कारोबार बढ़ा है, और दस्तावेजों के पंजीकरण से आय में वृद्धि हुई है। इसके परिणामस्वरूप इन जिलों में भी विकास के कार्यों में तेजी आई है।

विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान

राजस्व का बढ़ना केवल सरकार के खजाने के लिए ही नहीं, बल्कि इन जिलों के विकास के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार इस राजस्व का उपयोग जन कल्याण, आधारभूत संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य विकास कार्यों में करती है। राजस्व में वृद्धि से न केवल इन जिलों में विकास की गति तेज होती है, बल्कि यह पूरे राज्य के समग्र विकास में योगदान करता है।

कम राजस्व देने वाले जिले

जहां कुछ जिले सरकार के खजाने में भारी योगदान दे रहे हैं, वहीं कुछ जिलों में राजस्व कम आ रहा है। इनमें से एक जिला है चरखी दादरी, जिसे केवल आठ साल पहले हरियाणा का 22वां जिला बनाया गया था। हालाँकि, इस जिले का राजस्व अपेक्षाकृत कम है, लेकिन आने वाले समय में इसके राजस्व में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।

रजिस्ट्री और दस्तावेज पंजीकरण का महत्व

राजस्व का मुख्य स्रोत रजिस्ट्री और दस्तावेजों के पंजीकरण से आता है। इसमें रजिस्ट्री सेल डीड, कन्वेंस डीड, जीपीए, गोदनामा आदि जैसे दस्तावेज शामिल होते हैं, जिनकी पंजीकरण फीस सीधे सरकार के खजाने में जाती है। पिछले एक साल में कुल 7.44 लाख से अधिक दस्तावेजों का पंजीकरण हुआ, जिसमें सबसे ज्यादा पंजीकरण गुरुग्राम में हुआ। इसके बाद फरीदाबाद और पलवल का नंबर आता है।

नूंह (मेवात) भी पीछे नहीं

हालांकि नूंह (मेवात) जिले को विकास के मामले में पिछड़ा माना जाता है, फिर भी इस जिले ने पिछले एक साल में सरकार को 142.77 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व दिया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि नूंह जैसे जिलों में भी प्रॉपर्टी के कारोबार में वृद्धि हो रही है, और यहां की रजिस्ट्री से सरकार को राजस्व प्राप्त हो रहा है।
हरियाणा सरकार के खजाने में बढ़ोतरी का सीधा असर राज्य के विकास पर पड़ता है। गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे प्रमुख जिले अपने राजस्व से राज्य के खजाने को भरने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इन जिलों में प्रॉपर्टी बाजार की तेजी और दस्तावेजों के पंजीकरण में बढ़ोतरी ने सरकारी विकास कार्यों को गति दी है। भविष्य में इन जिलों का योगदान और भी बढ़ सकता है, जिससे राज्य में विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है।

Leave a Comment

Floating WhatsApp Button WhatsApp Icon