पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन: देशभर में शोक की लहर

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन: देशभर में शोक की लहर

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन के साथ ही देश ने एक महान नेता और आर्थिक सुधारों के दिग्गज को खो दिया। उनका निधन भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में एक गहरी छाप छोड़ गया है। इस समय, देशभर में उनके सम्मान में शोक की लहर है, और राष्ट्रीय शोक के साथ उनके अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है।

राष्ट्रपति भवन में आधा झुका तिरंगा

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर भारतीय राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया है। साथ ही, भारत सरकार ने पूरे देश में 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया है। इस दौरान, देशभर के सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। यह राष्ट्र के लिए एक कठिन और दुखद समय है, जहां हर कोई उनके योगदान और जीवन के विभिन्न पहलुओं को याद कर रहा है।

कांग्रेस मुख्यालय में शोक

कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय में भी मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया गया है। कांग्रेस का झंडा आधा झुका हुआ था और पार्टी के नेताओं ने इस समय को शोक में डूबे रहने के रूप में मनाया। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, “यह दिन देश और कांग्रेस के लिए बहुत दुखद है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान देश की सेवा की और कांग्रेस को अपनी नीति और दृष्टिकोण से नई दिशा दी।”

अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार

मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर 28 दिसंबर को दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय लाया जाएगा, जहां आम जनता उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेगी। इस अवसर पर कांग्रेस नेता और अन्य राजनीतिक हस्तियां भी शोक व्यक्त करेंगे। अंतिम संस्कार दिल्ली के राजघाट के पास किया जाएगा, और उनके अंतिम संस्कार में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनकी विदाई दी जाएगी।

राजनीतिक और आर्थिक योगदान

डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह ने देश की अर्थव्यवस्था में कई महत्वपूर्ण सुधार किए। 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था को खुले बाजार की दिशा में लाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। इसके साथ ही, उन्होंने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूती से खड़ा किया।

उनके नेतृत्व में भारत ने अनेक राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल के बावजूद स्थिरता और विकास की दिशा में कदम बढ़ाए। उनके समय में भारत ने कई अहम आर्थिक सुधारों को अपनाया, जिनका प्रभाव आज भी महसूस किया जा रहा है।

देश और दुनिया भर में शोक

मनमोहन सिंह के निधन पर न केवल भारत, बल्कि विदेशों में भी शोक की लहर है। कई देशों के नेताओं और राजनीतिक हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी कहा, “भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में मुझे डॉ. मनमोहन सिंह के साथ कई सार्थक और गहन चर्चाएं करने का अवसर मिला। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।”

केरल में राजकीय शोक

केरल सरकार ने भी 26 दिसंबर से 1 जनवरी तक 7 दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है। राज्य सरकार के इस कदम का उद्देश्य डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को सम्मानित करना है और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना है। राज्य भर में शोक संदेश और समर्पण के रूप में उनके योगदान की सराहना की जा रही है।

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। उनके योगदान और कार्यों की गहरी छाप भारतीय समाज और वैश्विक मंच पर हमेशा रहेगी। उनके द्वारा किए गए सुधार और उनके नेतृत्व में भारत ने जो दिशा पकड़ी, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शन का काम करेगी। इस कठिन समय में, देश उनके योगदान को याद करता है और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

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