Google Search का मार्केट शेयर 10 सालों में पहली बार 90 प्रतिशत से नीचे, क्या है वजह?

Google Search का मार्केट शेयर 10 सालों में पहली बार 90 प्रतिशत से नीचे, क्या है वजह?

इंटरनेट सर्च इंजन की दुनिया में Google Search हमेशा से ही सबसे प्रमुख और वर्चस्वी रहा है। कई सालों तक यह बाजार में बिना किसी प्रतिस्पर्धा के पहले स्थान पर रहा है। लेकिन अब चीजें बदल रही हैं। हाल ही में Google Search का मार्केट शेयर लगातार तीसरे महीने 90 प्रतिशत से नीचे गिर चुका है। यह 2015 के बाद पहली बार हुआ है। यह बदलाव किसी विशेष कारण से नहीं, बल्कि बढ़ते प्रतिस्पर्धी और नई तकनीकों के कारण आ रहा है।

90 प्रतिशत से कम मार्केट शेयर: एक ऐतिहासिक गिरावट

Google Search का बाजार हिस्सा पिछले तीन महीनों में 90 प्रतिशत से नीचे गिर चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2024 में इसका शेयर 89.34 प्रतिशत, नवंबर में 89.99 प्रतिशत और दिसंबर में 89.73 प्रतिशत तक पहुंच गया। यह आंकड़ा 2015 के बाद से अब तक सबसे कम है। 2015 में भी ऐसा हुआ था जब Google Search का शेयर लगातार तीन महीनों तक 90 प्रतिशत से कम रहा था, और अब एक बार फिर से ऐसा हो रहा है।

यह गिरावट एक महत्वपूर्ण संकेत है कि Google के लिए सर्च इंजन के क्षेत्र में अब और भी प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। इसके परिणामस्वरूप, गूगल को अपने मार्केट शेयर को बनाए रखने के लिए नए उपायों की आवश्यकता होगी।

चैटबॉट्स और AI का बढ़ता प्रभाव

Google Search के लिए बढ़ती चुनौतियों में सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक AI आधारित चैटबॉट्स का प्रभाव है। हाल के समय में ChatGPT जैसे चैटबॉट्स ने इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के बीच लोकप्रियता हासिल की है। अब लोग सर्च इंजन पर सवाल पूछने के बजाय, इन चैटबॉट्स का सहारा ले रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि ChatGPT जैसे चैटबॉट्स के ट्रैफिक में गूगल से अधिक वृद्धि देखने को मिली है। चैटबॉट्स की खासियत यह है कि ये यूजर्स के सवालों का उत्तर तत्काल और संवादात्मक रूप में देते हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं का अनुभव बेहतर हो रहा है। गूगल के सर्च इंजन को चुनौती देने वाले इन चैटबॉट्स का बढ़ता प्रभाव गूगल के लिए एक चिंता का कारण बन चुका है।

गूगल की प्रतिक्रिया: नए फीचर्स और AI का समावेश

गूगल ने अपनी सर्च इंजन के उपयोगकर्ताओं को बनाए रखने के लिए कई नए फीचर्स को जोड़ने की योजना बनाई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, गूगल जल्द ही अपने सर्च इंजन में एक नया AI मोड पेश करने जा रही है। इस फीचर के तहत, जब यूजर किसी सर्च क्वेरी को Google पर खोजेंगे, तो उन्हें गूगल के AI इंटरफेस, जिसे Google Gemini AI कहा जा सकता है, के माध्यम से उत्तर मिलेगा।

गूगल का यह कदम यह साबित करता है कि वह एआई और मशीन लर्निंग के माध्यम से अपने सर्च इंजन के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। इसके अलावा, गूगल नए सर्च टूल्स और फीचर्स को जोड़ने के साथ-साथ, अपनी सेवाओं को अधिक इंटरैक्टिव और यूजर-फ्रेंडली बनाने पर भी ध्यान दे रहा है।

भविष्य की दिशा: क्या गूगल अपना वर्चस्व बचा पाएगा?

Google Search के लिए मार्केट शेयर में आई इस गिरावट को केवल एक अस्थायी समस्या के रूप में नहीं देखा जा सकता। यह एक संकेत है कि अब इंटरनेट सर्च इंजन के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा पहले से कहीं अधिक बढ़ चुकी है। चैटबॉट्स और अन्य AI आधारित प्लेटफार्म गूगल के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरे हैं।

गूगल को अपनी स्थिति को बनाए रखने के लिए नए और क्रांतिकारी उपायों की जरूरत होगी। गूगल का AI मोड पेश करने का कदम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास हो सकता है, लेकिन क्या यह चैटबॉट्स और अन्य प्लेटफार्मों से प्रतिस्पर्धा करने के लिए पर्याप्त होगा? यह सवाल भविष्य में समय के साथ स्पष्ट होगा।

इस तरह की प्रतिस्पर्धा गूगल के लिए चुनौतीपूर्ण तो है, लेकिन यह भी उसे नवाचार और सुधार की दिशा में प्रेरित करेगा। आने वाले वर्षों में यह देखना रोचक होगा कि गूगल अपने मार्केट शेयर को फिर से 90 प्रतिशत से ऊपर ले जाने के लिए क्या नए कदम उठाता है।

Leave a Comment

Floating WhatsApp Button WhatsApp Icon