35,000 करोड़ की लागत से बनेगा गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे, 22 जिलों को मिलेगा बड़ा फायदा
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे: भारत के विकास को नई दिशा
भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है, और अब एक और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट सामने आ रहा है। उत्तर प्रदेश (UP) के पश्चिम से पूर्वांचल के जिलों को जोड़ने के लिए गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा, जो भारतीय सड़क नेटवर्क को एक नई मजबूती देगा। यह एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना का हिस्सा है और इससे 22 जिलों को फायदा होगा। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण 35,000 करोड़ रुपये की लागत से होगा और इसके पूरे होने से यात्रा का समय कम होगा, साथ ही व्यापारिक गतिविधियां भी तेज होंगी।
700 किमी लंबा एक्सप्रेसवे: उत्तर प्रदेश के विकास की नई राह
गोरखपुर से शामली तक बनने वाला यह एक्सप्रेसवे लगभग 700 किलोमीटर लंबा होगा। यह गंगा एक्सप्रेसवे से भी बड़ा होगा, जो यूपी का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। 2024 तक गंगा एक्सप्रेसवे को जनता के लिए समर्पित किया जाएगा, जबकि गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य इस साल के अंत तक शुरू होने की संभावना है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से यूपी के विभिन्न हिस्सों के अलावा हरियाणा, पंजाब, बिहार और पश्चिम बंगाल तक की यात्रा काफी आसान हो जाएगी।
22 जिलों को मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी
इस एक्सप्रेसवे से उत्तर प्रदेश के 22 जिलों को सीधे कनेक्ट किया जाएगा, जिसमें गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, बहराइच, लखनऊ, अयोध्या, सीतापुर, शाहजहांपुर, बदायूं, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, बिजनौर, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर और शामली शामिल हैं। यह 22 जिले यूपी के प्रमुख शहरों से जुड़ने के साथ-साथ हरियाणा और पंजाब से भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी तक के रास्ते भी आसान हो जाएंगे, जिससे व्यापारिक गतिविधियों में इजाफा होगा।
35,000 करोड़ रुपये की लागत: वित्तीय महत्व
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे का निर्माण 35,000 करोड़ रुपये की लागत से होगा। यह परियोजना यूपी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और राज्य के विभिन्न हिस्सों में समृद्धि लाएगी। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से न केवल यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि व्यापार और उद्योग के लिए भी यह एक बड़ा लाभ होगा। इससे उत्तर प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, और राज्य में निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा।
ट्रैवल टाइम में बड़ी कमी
गोरखपुर से शामली तक की यात्रा इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद पहले से कहीं ज्यादा तेज हो जाएगी। वर्तमान में इन दोनों शहरों के बीच यात्रा करने में लगभग 15 घंटे का समय लगता है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से यह समय घटकर महज 8 घंटे रह जाएगा। यह यात्रा को न केवल तेज करेगा बल्कि यात्रियों के समय की भी बचत करेगा, जिससे व्यापारिक गतिविधियों में भी सुधार आएगा।
हवाई पट्टी और आपातकालीन मार्ग
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे को खास तरीके से डिजाइन किया जा रहा है, ताकि इसे आपातकालीन सड़क मार्ग के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सके। इसमें हवाई पट्टी का निर्माण भी किया जाएगा, जिसका इस्तेमाल विशेष रूप से सुरक्षा मामलों और आपातकालीन स्थितियों में किया जा सकता है। इस परियोजना का उद्देश्य उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में चीन से संबंधित चुनौतियों का समाधान करना भी है, और इसके लिए इस एक्सप्रेसवे को रणनीतिक दृष्टिकोण से तैयार किया जा रहा है।
ग्रीन कॉरिडोर और पर्यावरण सुरक्षा
एक्सप्रेसवे के किनारे ग्रीन कॉरिडोर विकसित करने की योजना है, ताकि पर्यावरण संतुलन बनाए रखा जा सके। इसके तहत हजारों पेड़ और झाड़ियां लगाने की योजना है, जिससे रास्ते पर हरियाली बनी रहे और प्रदूषण की समस्या को कम किया जा सके।
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे का महत्व
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे यूपी और देश के अन्य हिस्सों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसका निर्माण न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास को भी गति देगा। इससे 22 जिलों में कनेक्टिविटी में सुधार होगा और व्यापार, उद्योग, और परिवहन के लिए एक नई दिशा खुलेगी। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से भारत के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों के बीच तालमेल और मजबूत होगा, और यह एक मील का पत्थर साबित होगा।