हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान: कृषि भूमि पट्टा विधेयक से किसानों को मिलेगी नई राहत
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने कृषि भूमि पट्टा विधेयक को सदन में पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इस विधेयक के पारित होने से राज्य के किसानों को नई राहत मिलेगी, खासकर उन किसानों को जो कृषि भूमि पर ठेके पर खेती करते हैं। यह विधेयक कृषि क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
कृषि भूमि पट्टा विधेयक का उद्देश्य
विपुल गोयल ने इस विधेयक के पारित होने के बाद कहा कि कृषि भूमि को पट्टे पर देने की प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए यह कानून जरूरी था। इस विधेयक के अंतर्गत, कृषि भूमि को पट्टे पर देने की मान्यता के लिए एक तंत्र स्थापित किया जाएगा, जो भूमि मालिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा। यह कानून न केवल कृषि भूमि के पट्टे की प्रक्रिया को वैधता देगा, बल्कि किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण लाभ भी लेकर आएगा।
किसानों को मिलेंगे ये महत्वपूर्ण लाभ
1. ऋण सुविधा: अब पट्टे पर खेती करने वाले किसानों को अपनी फसलों पर ऋण लेने की सुविधा मिलेगी, जो पहले संभव नहीं थी। इससे किसानों को बेहतर खेती के लिए पूंजी मिल सकेगी।
2. प्राकृतिक आपदा से मुआवजा: अगर पट्टे पर ली गई भूमि पर उगाई गई फसल प्राकृतिक आपदा के कारण खराब हो जाती है, तो इस स्थिति में मुआवजा भूमि मालिक के बजाय पट्टेदार को दिया जाएगा। इससे किसानों को राहत मिलेगी और वे आर्थिक संकट से उबर सकेंगे।
3. गिरदावरी में पट्टेदार का अलग कॉलम: इस नए कानून के तहत गिरदावरी में पट्टे पर खेती करने वाले किसानों को भूमि मालिक के रूप में नहीं बल्कि अलग कॉलम में पट्टेदार के रूप में दर्शाया जाएगा। इससे भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति पैदा नहीं होगी।
विधेयक का पारित होना और किसानों की राहत
हरियाणा सरकार के इस कदम से राज्य के लाखों छोटे किसानों को लाभ होगा। कई किसान संगठन लंबे समय से इस तरह के कानून की मांग कर रहे थे, ताकि जब प्राकृतिक आपदा के कारण उनकी फसलें खराब हो जाएं तो उन्हें राहत मिल सके। साथ ही, कृषि ऋण की सुविधा भी उन्हें दी जाए। इस विधेयक के पारित होने से इन सभी समस्याओं का समाधान होगा और किसानों को अधिकार मिलेगा कि वे अपने फसल के नुकसान के लिए राहत और मुआवजा प्राप्त कर सकें।
विधेयक के पारित होने के बाद, राज्य सरकार ने दावा किया है कि इससे भूमि संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो सकेगा और दोनों पक्षों के हितों की रक्षा होगी। यह कानून न केवल पट्टे पर खेती करने वाले किसानों के लिए बल्कि भूमि मालिकों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।
किसान संगठनों की प्रतिक्रिया
किसान संगठन इस कानून को लेकर लंबे समय से सरकार से अनुरोध कर रहे थे। वे हमेशा से यह मांग कर रहे थे कि जब भी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल को नुकसान हो, तो पट्टे पर खेती करने वाले किसानों को भी राहत मिलनी चाहिए। इसके साथ ही, पट्टेदार को फसल ऋण लेने का अधिकार भी मिलना चाहिए। अब सरकार के इस कदम से किसानों के इन सभी समस्याओं का समाधान होगा, और यह कानून उनके अधिकारों की सुरक्षा करेगा।
हरियाणा कृषि भूमि पट्टा विधेयक, राज्य सरकार का एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। यह कानून किसानों को न केवल आर्थिक राहत प्रदान करेगा, बल्कि उनके अधिकारों की रक्षा भी करेगा। इस विधेयक के पारित होने से पट्टे पर खेती करने वाले किसानों को ऋण लेने, मुआवजा प्राप्त करने और गिरदावरी में उनके अधिकारों की सुनिश्चितता मिल जाएगी। इससे राज्य के कृषि क्षेत्र में सुधार होगा और छोटे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।