हरियाणा रोडवेज की बस में लगी आग, चालक की सूझबूझ से बचीं 60 जिंदगियां
कैथल के कलायत में बड़ा हादसा टला, चालक ने बचाई यात्रियों की जान
हरियाणा के कैथल जिले के कलायत क्षेत्र से एक बड़ी घटना सामने आई है, जिसमें एक चलती बस के टायरों में अचानक आग लग गई। हालांकि, बस के चालक ने अपनी सूझबूझ और तत्परता से हादसे को टाल दिया और 60 यात्रियों की जान बचाई। यह घटना राज्य में हरियाणा रोडवेज की सुरक्षा प्रणाली और चालक की जिम्मेदारी को एक बार फिर से अहम बनाती है।
कैसे लगी आग और चालक की सूझबूझ
घटना रविवार दोपहर के आसपास की है, जब सिरसा डिपो की एक रोडवेज बस चंडीगढ़ से सिरसा की ओर जा रही थी। बस के चालक नरवैल सिंह ने बताया कि वह जैसे ही बस को गांव क्योडक के निकट टोल प्लाजा से गुजार रहे थे, तभी उन्होंने बस के पिछले टायरों में कुछ दिक्कत महसूस की। इसके बाद, चालक ने बस को कैथल में वर्कशॉप में लेकर इसे ठीक करवाया।
वर्कशॉप से निकलने के बाद जब चालक बस को धीरे-धीरे आगे बढ़ा रहे थे, तो फिर से पिछली साइड के टायरों में दिक्कत आ गई। इस बार चालक ने पूरी सावधानी से बस को धीरे-धीरे आगे बढ़ाया और कलायत बस स्टैंड तक ले आए। लेकिन जैसे ही वे बस स्टैंड पर पहुंचे, उन्होंने देखा कि ब्रेक लैदरों में आग लग चुकी थी और टायरों से धुंआ निकल रहा था।
फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंच कर आग पर पाया काबू
चालक ने तुरंत अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए बस को खाली करवा लिया और फायर ब्रिगेड को सूचित किया। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। अगर आग पर समय रहते काबू नहीं पाया जाता, तो यह घटना बहुत बड़ी दुर्घटना का रूप ले सकती थी।
चालक ने बताया कि यह आग बस में तकनीकी खराबी के कारण लगी थी। प्रेशर केम जाम होने से ब्रेक लैदर्स अत्यधिक गर्म हो गए थे, जिससे आग लग गई। चालक की समझदारी और तत्परता ने हादसे को टाल दिया और बस में सवार सभी 60 यात्रियों की जान बचाई गई।
यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाया गया
बस में सवार सभी यात्रियों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाल लिया गया था। बाद में, अन्य बसों की व्यवस्था की गई और उन्हें उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाया गया। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि दुर्घटना का समय से पहले अंदाजा और तत्परता से उठाया गया कदम किसी बड़े हादसे को टाल सकता है।
चालक की सराहनीय भूमिका
यह घटना चालक नरवैल सिंह की सूझबूझ और तत्परता का जीवंत उदाहरण है। उनका त्वरित निर्णय और यात्रियों के प्रति जिम्मेदारी ने एक बड़ा हादसा होने से रोक लिया। उनके इस प्रयास को सभी ने सराहा है, और यह इस बात को भी प्रमाणित करता है कि रोडवेज़ चालक की भूमिका सिर्फ यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना ही नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना भी है।
इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी तरह की तकनीकी खराबी से उत्पन्न खतरे को समय रहते पहचाना जाना चाहिए और उस पर त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए। चालक नरवैल सिंह ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और 60 यात्रियों की जान बचाई। इस तरह के हादसों में सावधानी बरतना और अपनी सूझबूझ से किसी बड़े नुकसान से बचना जरूरी है। हम सभी को इस घटना से यह सिखने को मिलता है कि जीवन की सुरक्षा हमेशा सर्वोपरि होती है, और इसे सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठाना जरूरी है।