दिल्ली में बनेगा भारत का सबसे बड़ा मॉल: 28 लाख वर्ग फुट में होगा शॉपिंग का नया अनुभव
दिल्ली के एरोसिटी में बनने जा रहा है देश का सबसे बड़ा मॉल
दिल्ली में एक नए और बड़े शॉपिंग मॉल का निर्माण होने जा रहा है, जो न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में एक नया मॉल कल्चर स्थापित करेगा। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एरोसिटी क्षेत्र में बनने वाला यह मॉल 28 लाख वर्ग फुट से अधिक क्षेत्रफल में फैला होगा, और इस मॉल का निर्माण 2029 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह मॉल न केवल खरीदारी का नया केंद्र बनेगा, बल्कि यह क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक और शहरी केंद्र भी बन जाएगा।
मॉल की सुविधाएँ और ग्लोबल बिजनेस सेंटर
इस मॉल के निर्माण के बाद, यह एक आधुनिक शॉपिंग और व्यापारिक केंद्र के रूप में उभरेगा। इसमें 65 लाख वर्ग फुट का ग्लोबल बिजनेस सेंटर होगा। इसके अलावा, 1.8 करोड़ स्क्वायर फीट की ज़मीन का उपयोग ऑफिस, दुकानों, खाद्य कोर्टों और अन्य सुविधाओं के लिए किया जाएगा। इसके बाद, एरोसिटी क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियाँ और भी बढ़ेंगी, जिससे यहां स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए एक आकर्षक बाजार तैयार होगा।
एयरोट्रोपोलिस मॉल का पहला कदम
यह मॉल भारत का पहला “एयरोट्रोपोलिस मॉल” होगा, जो हवाई अड्डे के पास बनेगा और एयरपोर्ट के साथ व्यापारिक गतिविधियों को जोड़ेगा। एयरोट्रोपोलिस मॉल का मतलब है कि मॉल और एयरपोर्ट एक दूसरे से जुड़ी हुई सुविधाएं प्रदान करेंगे, जिससे ट्रेवलर्स के लिए यह और भी सुविधाजनक होगा। यह मॉल पूरी दुनिया में अपनी तरह का पहला शॉपिंग हब बनेगा, और 2027 तक यह मॉल देश का सबसे बड़ा शॉपिंग डेस्टिनेशन बनकर तैयार हो जाएगा।
दो चरणों में पूरा होगा निर्माण
इस मॉल के निर्माण का काम दो चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में इस मॉल का एक बड़ा हिस्सा तैयार किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में इसे और भी बड़ा किया जाएगा। 2029 तक, यह मॉल 1 करोड़ वर्ग फीट से अधिक क्षेत्र में फैल जाएगा। कुल मिलाकर इस परियोजना पर 2.5 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया जाएगा, और यह मॉल विश्व स्तर के शॉपिंग और व्यावसायिक केंद्र के रूप में स्थापित होगा।
अंडरग्राउंड पार्किंग और होटल सुविधाएँ
मॉल के दूसरे चरण में अंडरग्राउंड पार्किंग की सुविधा भी होगी, जिसमें 8,000 से अधिक वाहनों के खड़े होने की जगह बनाई जाएगी। इसके अलावा, एरोसिटी में कई बड़े होटलों का निर्माण भी हो चुका है। वर्तमान में, JW मैरियट, रोज़ेट और एकोर जैसे प्रमुख होटल पहले से ही स्थापित हैं। जब मॉल का दूसरा चरण पूरा होगा, तो होटलों की संख्या 16 हो जाएगी, और यहां के कमरे दोगुने हो जाएंगे।
बड़े निवेश और विकास की दिशा
इस मॉल के निर्माण में कई प्रमुख कंपनियों ने निवेश किया है, जिसमें एयरबस, EY, अमीरात और पेरनोड रिकार्ड जैसी कंपनियाँ शामिल हैं। ब्रुकफील्ड नामक निवेश कंपनी ने पहले ही चार कॉमर्शियल संपत्तियों में से 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। तीसरे चरण में एरोसिटी को 40 लाख वर्ग फीट का कमर्शियल स्पेस मिलेगा, जो दिल्ली का सबसे बड़ा मॉल होगा। इस परियोजना का पूरा निर्माण 2029 तक पूरा होने का लक्ष्य है, और इस समय तक यह मॉल दुनिया के सबसे बड़े मॉल में से एक बन जाएगा।
भविष्य में होने वाला बदलाव
2025 में इस मॉल के अगले चरण का काम शुरू होगा, और 2029 तक यह पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। इस मॉल में न केवल शॉपिंग के लिए क्षेत्र होगा, बल्कि साइकिल ट्रैक, वॉकवे और अन्य सुविधाएं भी होंगी। एरोसिटी के इस नए प्रोजेक्ट से दिल्ली में लगभग 2 मिलियन लोग रोज़गार पाएंगे, और हर साल 30 मिलियन लोग शॉपिंग के लिए आएंगे।
दिल्ली का यह नया मॉल न केवल भारत का सबसे बड़ा शॉपिंग हब बनेगा, बल्कि यह एरोसिटी क्षेत्र को एक नई पहचान देगा। यह मॉल, एयरोपोर्ट के पास स्थित होने के कारण न केवल शॉपिंग के लिए आकर्षक होगा, बल्कि व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। इस मॉल के बनने से दिल्ली की शॉपिंग कल्चर को एक नई दिशा मिलेगी और यह वैश्विक व्यापार के केंद्र के रूप में स्थापित होगा।