KVS एडमिशन: एक केंद्रीय विद्यालय से दूसरे में ट्रांसफर कैसे होता है? जानिए केवीएस के 5 महत्वपूर्ण नियम
नई दिल्ली (KVS Admission Rules, Kendriya Vidyalaya) : केंद्रीय विद्यालय (KVS) भारत के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी स्कूलों में से एक माने जाते हैं। इन स्कूलों का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और उनके बच्चों को शिक्षा प्रदान करना है। देशभर में केंद्रीय विद्यालयों की लगभग 1250 शाखाएं हैं और तीन अन्य देशों में भी इनकी शाखाएं मौजूद हैं। इन विद्यालयों की विशेषता उनकी स्टूडेंट ट्रांसफर पॉलिसी है, जो इसे अन्य स्कूलों से अलग बनाती है।
KVS स्टूडेंट ट्रांसफर पॉलिसी: 5 महत्वपूर्ण नियम
केंद्रीय विद्यालयों में ट्रांसफर पॉलिसी विशेष रूप से सरकारी कर्मचारी और फौजियों के लिए लचीलापन प्रदान करती है। यह नीति छात्रों को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ट्रांसफर करने की अनुमति देती है, ताकि माता-पिता के ट्रांसफर के कारण बच्चों की शिक्षा में कोई रुकावट न आए।
1. माता-पिता का ट्रांसफर और ऑटोमैटिक एडमिशन
केंद्रीय विद्यालय के पहले नियम के अनुसार, यदि किसी विद्यार्थी के माता-पिता का ट्रांसफर एक शहर या जिले से दूसरे शहर या जिले में हुआ है, तो उन्हें बिना किसी समस्या के दूसरे केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन मिल जाएगा। अगर क्लास में स्टूडेंट्स की संख्या पूरी हो जाती है, तो नया सेक्शन भी खोला जा सकता है।
2. पैरामिलिट्री या डिफेंस पर्सनल्स के लिए विशेष नियम
यदि कोई पैरामिलिट्री या डिफेंस में कार्यरत व्यक्ति नक्सल प्रभावित क्षेत्र या अन्य गैर-पारिवारिक क्षेत्र में तैनात होता है, तो उसके बच्चे को उस केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन मिल सकता है, जहां उनका परिवार रह रहा हो। यह नीति विशेष रूप से फौजी और पैरामिलिट्री कर्मचारियों के लिए बनाई गई है, ताकि उनका बच्चा किसी परेशानी के बिना शिक्षा प्राप्त कर सके।
3. बिना ट्रांसफर के भी ट्रांसफर संभव
यदि किसी अभिभावक का ट्रांसफर नहीं हुआ है, लेकिन वे किसी कारणवश अपने बच्चे का एडमिशन केंद्रीय विद्यालय की दूसरी ब्रांच में कराना चाहते हैं, तो उन्हें संबंधित डिप्टी कमिश्नर से टीसी (Transfer Certificate) के लिए अप्रूवल लेना होगा। इसके बाद बच्चे को दूसरे केवी में ट्रांसफर किया जा सकता है।
4. एक ही शहर के दूसरे केंद्रीय विद्यालय में ट्रांसफर
कई बार अभिभावक अपने बच्चों का ट्रांसफर एक ही शहर के दूसरे केंद्रीय विद्यालय में करना चाहते हैं। इस स्थिति में, संबंधित डिप्टी कमिश्नर के अप्रूवल के बाद, मेरिट के आधार पर सर्टिफिकेट जारी किया जाता है, जिससे बच्चे को दूसरे केवी में एडमिशन मिल सकता है।
5. प्रोजेक्ट केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन
यदि किसी विद्यार्थी को प्रोजेक्ट केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन चाहिए, तो उस क्लास में छात्रों की संख्या 45 से कम होनी चाहिए। इसके अलावा, डिप्टी कमिश्नर को विशेष मामलों में इस प्रकार के ट्रांसफर को मंजूरी देने का अधिकार है।
केवीएस में ट्रांसफर की प्रक्रिया
अगर आप अपने बच्चे का केंद्रीय विद्यालय में ट्रांसफर करवाना चाहते हैं, तो यह प्रक्रिया काफी सरल है। यहां जानें इसके स्टेप्स:
1. एप्लिकेशन लिखना
पहला कदम है कि आप स्कूल के प्रिंसिपल को एक एप्लिकेशन लिखें। इसमें अपने बच्चे का नाम, क्लास, रोल नंबर और ट्रांसफर की वजह का उल्लेख करें। साथ ही, यदि आपका ट्रांसफर हुआ है, तो ट्रांसफर ऑर्डर को एप्लिकेशन के साथ अटैच करें।
2. प्रिंसिपल को एप्लिकेशन सबमिट करना
एप्लिकेशन को स्कूल के प्रिंसिपल के पास जमा करें। अगर आपका ट्रांसफर किसी स्थान से दूसरे स्थान पर हुआ है, तो उसे प्रमाण के तौर पर ट्रांसफर ऑर्डर भी अटैच करें। यदि स्कूल प्रिंसिपल को लगता है कि आपका आवेदन सही है, तो आपको एक फॉर्म दिया जाएगा।
3. फॉर्म भरना और सबमिट करना
फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी सही से भरें और उसे प्रिंसिपल के पास वापस जमा कर दें। फॉर्म भरने के बाद आपको ट्रांसफर की रसीद प्राप्त होगी। इसके बाद आप अपने बच्चे का टीसी (Transfer Certificate) ले सकते हैं।
4. नए स्कूल में ट्रांसफर करना
टीसी प्राप्त करने के बाद, आपको उस केंद्रीय विद्यालय में जाना होगा, जहां आप अपने बच्चे का ट्रांसफर करवाना चाहते हैं। वहां प्रिंसिपल के पास टीसी और ट्रांसफर रसीद जमा करें और अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए एप्लिकेशन लिखें। यदि प्रिंसिपल द्वारा No Objection Certificate (NOC) जारी किया जाता है, तो आप आसानी से अपने बच्चे का एडमिशन वहां करवा सकते हैं।
केंद्रीय विद्यालयों की ट्रांसफर पॉलिसी यह सुनिश्चित करती है कि सरकारी कर्मचारियों और फौजियों के बच्चों को शिक्षा में किसी प्रकार की रुकावट का सामना न करना पड़े। यदि आप भी केंद्रीय विद्यालय से दूसरे केंद्रीय विद्यालय में अपने बच्चे का ट्रांसफर करवाना चाहते हैं, तो ऊपर दिए गए नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करके इसे सरलता से करवा सकते हैं।