मोदी सरकार का बड़ा ऐलान: MSME के लिए लोन का रास्ता हुआ साफ
2025 का बजट: MSME सेक्टर को मिलेगी राहत, लोन की प्रक्रिया सरल
2025 के केंद्रीय बजट से पहले मोदी सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग MSME (MCGS-MSME) के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। सरकार ने म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी योजना (MCGS) को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत अब छोटे और मझोले उद्योगों (MSMEs) को अपने प्लांट, मशीनरी या उपकरण खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपये तक का लोन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इस कदम से न केवल MSME सेक्टर को मजबूती मिलेगी, बल्कि भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को भी नई दिशा मिलेगी।
MCGS-MSME योजना: क्या है और कैसे काम करेगा यह लोन?
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी योजना (MCGS) के तहत सदस्य ऋण संस्थानों (MLIs) को 60 प्रतिशत तक गारंटी कवरेज मिलेगा। इसका मतलब यह है कि यदि MSME लोन लेने के बाद उसे चुकता करने में विफल रहता है, तो सरकार उस लोन का 60 प्रतिशत तक गारंटी के रूप में भुगतान करेगी। इस योजना के तहत छोटे उद्योगों को 100 करोड़ रुपये तक की क्रेडिट सुविधा प्राप्त होगी, जिसका उपयोग वे अपने उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं।
योजना के लाभ और शर्तें
MCGS-MSME योजना के तहत कुछ महत्वपूर्ण शर्तें निर्धारित की गई हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा:
1. पात्र MSME: योजना के लाभार्थी होने के लिए उस MSME को वैध उद्यम पंजीकरण संख्या होनी चाहिए।
2. लोन सीमा: इस योजना के तहत ऋण की राशि 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं हो सकती।
3. उपकरण की खरीद: लोन का इस्तेमाल मुख्यतः उपकरण या मशीनरी खरीदने के लिए किया जाएगा, और इस खर्च का 75 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए।
4. प्रत्येक ऋण पर पुनर्भुगतान की शर्तें: 50 करोड़ रुपये तक के लोन पर 8 वर्ष की पुनर्भुगतान अवधि होगी, जबकि मूल किस्तों पर 2 साल की मोरेटोरियम अवधि प्रदान की जाएगी। 50 करोड़ रुपये से अधिक के लोन के मामले में पुनर्भुगतान की अवधि और मोरेटोरियम पीरियड अधिक हो सकता है।
MSME सेक्टर को मिलेगा संजीवनी
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार, MCGS-MSME योजना से MSME सेक्टर को विशेष लाभ होगा, जिससे देश की निर्माण क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। वर्तमान में भारत के GDP का लगभग 17 प्रतिशत हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से आता है और इस क्षेत्र में 2.7 करोड़ से अधिक लोग काम कर रहे हैं। इस योजना के जरिए, सरकार MSME को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने का प्रयास कर रही है, जिससे भारत के औद्योगिक उत्पादन को और बढ़ावा मिलेगा।
“मेक इन इंडिया” को मिलेगी नई ताकत
MCGS-MSME योजना के लागू होने से न केवल MSME की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी, बल्कि यह ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को भी मजबूती प्रदान करेगा। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के जरिए अगले चार वर्षों में 7 लाख करोड़ रुपये की गारंटी जारी की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि MSME सेक्टर में स्थिरता बनी रहे और भारतीय निर्माण उद्योग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने का अवसर मिले।
Conclusion: MSME के लिए भविष्य का सुनहरा अवसर
MCGS-MSME योजना भारतीय MSME सेक्टर के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती है। छोटे और मझोले उद्योगों को जो वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, इस योजना के माध्यम से उन्हें राहत मिल सकती है। सरकार की ओर से यह कदम MSME के लिए एक नए युग की शुरुआत हो सकता है, जो देश की आर्थिक वृद्धि और विकास के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होगा।