हरियाणा में नए कलेक्टर रेट लागू: रजिस्ट्री में बढ़ी हुई लागत
हरियाणा में 1 दिसंबर 2024 से नए कलेक्टर रेट लागू कर दिए गए हैं, जिसके चलते प्रदेश के विभिन्न जिलों में भूमि रजिस्ट्री की लागत में वृद्धि हो गई है। रेवेन्यू विभाग द्वारा जारी किए गए इन नए कलेक्टर रेट्स में 10 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। इससे प्रदेश में जमीनों की खरीद-फरोख्त पर बड़ा असर पड़ेगा, क्योंकि रजिस्ट्री की प्रक्रिया में अब अधिक स्टाम्प ड्यूटी चुकानी होगी।
कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी का असर
हरियाणा के विभिन्न जिलों में कलेक्टर रेट में वृद्धि से न केवल जमीन की रजिस्ट्री की लागत बढ़ी है, बल्कि यह राजस्व में भी वृद्धि का कारण बनेगा। नए रेट्स के मुताबिक, अधिकतर जिलों में 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है, जबकि कुछ पॉश इलाकों में यह वृद्धि 30 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
उदाहरण के तौर पर, जींद जिले के अमरहेड़ी क्षेत्र में खेती की भूमि का कलेक्टर रेट अब एक करोड़ प्रति एकड़ के पार पहुंच गया है, जो पहले करीब 95 लाख प्रति एकड़ था। इस बदलाव का सीधा असर आम नागरिकों पर पड़ेगा, क्योंकि उन्हें अब अपनी ज़मीन की रजिस्ट्री में ज्यादा खर्च करना होगा।
प्रमुख शहरों में रेट की बढ़ोतरी
हरियाणा के प्रमुख शहरों जैसे फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी की गई है। फरीदाबाद के विभिन्न क्षेत्रों जैसे बल्लभगढ़, ग्रेटर फरीदाबाद और सेक्टर 14, 19, 17, 58 में 10 से 20 प्रतिशत तक रेट बढ़ाए गए हैं। इसी तरह गुरुग्राम में गोल्फ कोर्स रोड, सेक्टर 56-57 और साउथर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे जैसे पॉश इलाकों में कलेक्टर रेट में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।
ग्रेटर फरीदाबाद की बात करें तो यहां गांव अमीरपुर में कृषि योग्य भूमि पर कलेक्टर रेट में 10% की बढ़ोतरी हुई है। पहले जो भूमि 45 लाख रुपये प्रति एकड़ थी, वह अब 49 लाख रुपये प्रति एकड़ हो गई है। इसके साथ ही, रिहायशी और वाणिज्यिक क्षेत्रों में भी कलेक्टर रेट में 15% तक की वृद्धि हुई है।
हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में बढ़े कलेक्टर रेट
हरियाणा के एनसीआर (नैशनल कैपिटल रीजन) में शामिल जिलों जैसे रोहतक, बहादुरगढ़, पलवल, सोनीपत, पानीपत और करनाल में भी कलेक्टर रेट में वृद्धि हुई है। इन जिलों में जमीन की रजिस्ट्री की लागत अब पहले के मुकाबले ज्यादा होगी।
कलेक्टर रेट का प्रदेश पर असर
इस बढ़ोतरी के साथ ही हरियाणा के राजस्व में भी वृद्धि होने की संभावना है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने बताया कि बढ़े हुए कलेक्टर रेट 31 मार्च 2025 तक लागू रहेंगे, और इसके बाद जब तक नए रेट तय नहीं होते, तब तक पुराने रेट्स पर ही रजिस्ट्री प्रक्रिया जारी रहेगी।
हरियाणा के विभिन्न जिलों में कलेक्टर रेट
1. झज्जर: 8,000 रुपये से 20,000 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर
2. पलवल: 2,200 रुपये से 5,600 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर
3. सिरसा: 25,000 रुपये से 55,000 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर
4. पानीपत: 7,000 रुपये से 10,000 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर
5. सोनीपत: 9,400 रुपये से 24,500 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर
6. पंचकूला: 25,000 रुपये से 55,000 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर
7. गुरुग्राम: 15,000 रुपये से 1,50,000 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर
8. फरीदाबाद: 12,000 रुपये से 90,000 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर
9. रेवाड़ी: 24,000 रुपये से 40,000 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर
हरियाणा में लागू हुए नए कलेक्टर रेट के बाद भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया महंगी हो गई है, जिसका प्रभाव जमीन खरीदने और बेचने वालों पर पड़ेगा। हालांकि, इस बढ़ोतरी से सरकार को राजस्व में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है। इस बदलाव के साथ ही भूमि रजिस्ट्री की लागत में हुई वृद्धि से आम नागरिकों को अधिक स्टाम्प ड्यूटी चुकानी पड़ेगी, लेकिन यह बदलाव प्रदेश के विकास और राजस्व संग्रहण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकता है।