हरियाणा में नई शिक्षा नीति का आगाज, सरकारी स्कूलों को मिलेगी प्राइवेट जैसी सुविधाएं
हरियाणा सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की है कि 2025 तक राज्य में नई शिक्षा नीति (NEP) पूरी तरह से लागू की जाएगी। यह निर्णय राज्य के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने करनाल दौरे के दौरान लिया और इसके तहत राज्य के सरकारी स्कूलों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे। यह नीति न केवल शिक्षा के स्तर को ऊंचा करेगी, बल्कि सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों की तरह सुविधाएं भी प्रदान करेगी, जिससे उनका स्तर और गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा।
हरियाणा में शिक्षा की नई दिशा
नई शिक्षा नीति के तहत सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाएगा। स्मार्ट क्लासरूम, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, और डिजिटल शिक्षा जैसे कदम उठाए जाएंगे, ताकि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ सके। महिपाल ढांडा ने यह भी कहा कि इस नीति को लागू करने का उद्देश्य छात्रों को सिर्फ अकादमिक रूप से नहीं, बल्कि हर पहलू में समग्र विकास प्रदान करना है।
1. शिक्षा का समग्र विकास
नई शिक्षा नीति में छात्रों के समग्र विकास पर जोर दिया जाएगा। केवल अकादमिक प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, इस नीति के तहत उनकी सृजनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और व्यावहारिक ज्ञान को भी बढ़ावा दिया जाएगा। विशेष रूप से कोडिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और व्यावसायिक कौशल जैसे विषयों को स्कूलों में प्राथमिक स्तर से ही पढ़ाया जाएगा, जिससे छात्रों में भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक कौशल विकसित हो सके।
2. मातृभाषा में शिक्षा
नई शिक्षा नीति का एक और महत्वपूर्ण पहलू है प्राथमिक कक्षाओं में मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा देना। इस बदलाव से बच्चों को अपनी सांस्कृतिक और सामाजिक जड़ों से जुड़ने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी शिक्षा का आधार मजबूत होगा। इसके अलावा, यह कदम बच्चों को अपनी स्थानीय भाषाओं में विचार और संवाद करने में सक्षम बनाएगा, जो उनकी सीखने की प्रक्रिया को और भी प्रभावी बनाएगा।
3. सरकारी स्कूलों की संख्या और गुणवत्ता में सुधार
नई शिक्षा नीति के तहत, सरकारी स्कूलों की संख्या में वृद्धि की जाएगी, ताकि सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। महिपाल ढांडा ने यह भी कहा कि सरकार सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देगी, ताकि इन स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों के बराबर लाया जा सके। इसके अलावा, डिजिटल शिक्षा का समावेश भी किया जाएगा, जिससे छात्रों को आधुनिक और प्रभावी तरीके से पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा।
4. शिक्षकों का प्रशिक्षण और भर्तियां
शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य में शिक्षकों के लिए नई प्रशिक्षण प्रथाएं लागू की जाएंगी, ताकि वे आधुनिक शिक्षण विधियों से लैस हो सकें। इसके अलावा, शिक्षकों की भर्तियों को तेजी से किया जाएगा, जिससे स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात बेहतर हो सके।
5. नई परीक्षा प्रणाली
नई शिक्षा नीति में परीक्षा प्रणाली में भी बदलाव किया जाएगा। पारंपरिक परीक्षा पद्धतियों को बदलते हुए छात्रों की सीखने और समझने की क्षमता का आकलन किया जाएगा, न कि केवल रट्टा मारने की प्रवृत्ति पर। इस प्रणाली से छात्रों को वास्तविक ज्ञान की प्राप्ति होगी और वे अधिक रचनात्मक तरीके से सोचने में सक्षम होंगे।
6. सरकारी स्कूलों के प्रति नजरिया बदलने की अपील
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने लोगों से सरकारी स्कूलों के प्रति नकारात्मक धारणा को छोड़ने और इन स्कूलों में हो रहे सुधारों को पहचानने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर तेजी से बेहतर हो रहा है और अब इन स्कूलों में भी प्राइवेट स्कूलों जैसी सुविधाएं मिल रही हैं।
हरियाणा सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति की शुरुआत राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव की ओर इशारा करती है। यह नीति न केवल सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार लाएगी, बल्कि छात्रों के समग्र विकास और उनकी क्षमताओं को बढ़ावा देने में भी मदद करेगी। इस कदम से हरियाणा के बच्चों को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया जाएगा और राज्य में शिक्षा का स्तर और गुणवत्ता दोनों में महत्वपूर्ण सुधार होंगे।