हरियाणा में कब्जाधारकों को मिलेगा मालिकाना हक, शामलात भूमि पर मकान नियमित करने का फैसला

हरियाणा में कब्जाधारकों को मिलेगा मालिकाना हक, शामलात भूमि पर मकान नियमित करने का फैसला

हरियाणा सरकार का बड़ा कदम: कब्जाधारकों को मिलेगा मालिकाना हक

हरियाणा में ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनों पर कब्जा करने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत शामलात भूमि (ग्रामीण सरकारी भूमि) पर 500 वर्गगज तक के मकान बनाकर पिछले 20 वर्षों से रह रहे नागरिकों को मालिकाना हक दिया जाएगा। इन नागरिकों को अब कलेक्टर रेट के आधार पर उनकी भूमि की नियमितीकरण प्रक्रिया पूरी करनी होगी, बशर्ते उनके मकान सड़क या तालाब की भूमि पर न बने हों।

यह निर्णय हरियाणा के उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा द्वारा लिया गया है। उन्होंने यह जानकारी एक समाधान शिविर के दौरान दी, जिसमें विभिन्न नागरिकों की शिकायतों की सुनवाई की गई। खडग़टा ने स्पष्ट किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में इन कब्जाधारकों को नियमित करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है, ताकि वह लोग कानूनी रूप से अपने मकान का मालिक बन सकें और भूमि संबंधी समस्याओं से मुक्त हो सकें।

समाधान शिविर में शिकायतों की सुनवाई

उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने स्थानीय लघु सचिवालय में आयोजित समाधान शिविर के दौरान नागरिकों की शिकायतों को सुना। इस शिविर में नगर निगम के संयुक्त आयुक्त अभिनव सिवाच और उपमंडलाधीश आशीष कुमार भी मौजूद थे। समाधान शिविर में कुल 17 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से चार शिकायतों का मौके पर निपटारा किया गया और बाकी शिकायतों को जल्द सुलझाने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए।

खडग़टा ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विभागों से संबंधित लंबित शिकायतों की निरंतर जानकारी लें और उन्हें शीघ्र निपटारा करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने कहा कि समाधान शिविर में प्राप्त शिकायतों का उचित तरीके से निपटारा किया जाए, ताकि वे शिकायतें भविष्य में पुनः न उठें।

शामलात भूमि का नियमितीकरण: नियम और शर्तें

इस फैसले के तहत, जो लोग 500 वर्गगज तक की जमीन पर पिछले 20 वर्षों से मकान बना कर रह रहे हैं, उन्हें उस भूमि का मालिकाना हक दिया जाएगा, बशर्ते वह मकान सड़क, तालाब या अन्य सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर न बना हो। कलेक्टर रेट के आधार पर उक्त मकान का नियमितीकरण किया जाएगा, ताकि कब्जाधारक कानूनी रूप से मालिक बन सकें और भूमि विवादों से बच सकें।

यह कदम उन ग्रामीणों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, जो कई वर्षों से अपनी जमीन पर घर बनाकर रह रहे हैं, लेकिन उन्हें कानूनी मान्यता नहीं मिल पाई थी। इससे न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार होगा, बल्कि यह सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि संबंधी मामलों को हल करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम भी माना जा रहा है।

हरियाणा सरकार की प्रतिबद्धता

उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने समाधान शिविर में नागरिकों की समस्याओं को सुनने और शीघ्र निपटारा करने के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों से यह भी कहा कि वे डेस्कबोर्ड के जरिए विभागों से संबंधित लंबित शिकायतों की जानकारी लगातार प्राप्त करें। उनका उद्देश्य यह है कि नागरिकों की शिकायतों का निवारण प्रभावी तरीके से किया जाए और वे जल्द से जल्द समस्याओं से मुक्त हो सकें।

हरियाणा सरकार के इस कदम से यह स्पष्ट हो रहा है कि सरकार अब भूमि विवादों को सुलझाने और नागरिकों को राहत देने के लिए गंभीर है। इस निर्णय के बाद, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी और वे भूमि के मालिक के रूप में अपने घर का स्वामित्व प्राप्त कर सकेंगे।

हरियाणा सरकार द्वारा शामलात भूमि पर कब्जा करने वालों को मालिकाना हक देने का निर्णय एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम है। यह निर्णय न केवल नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि विवादों को भी समाप्त करने में मदद करेगा। साथ ही, समाधान शिविर में नागरिकों की शिकायतों का त्वरित निवारण यह दर्शाता है कि सरकार प्रशासनिक स्तर पर समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। इस कदम से हरियाणा में भूमि संबंधी विवादों को सुलझाने में बड़ी मदद मिल सकती है।

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