पीएम किसान योजना: किसानों को मिलेगा 12 हजार रुपये, जानें पूरी स्कीम

पीएम किसान योजना: किसानों को मिलेगा 12 हजार रुपये, जानें पूरी स्कीम

भारत के किसानों के लिए एक अहम खबर है, जिसमें पीएम किसान योजना के तहत मिलने वाली राशि को दोगुना करने की संभावना है। आगामी बजट 2025 के लिए कृषि क्षेत्र से जुड़ी कई मांगें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष रखी गई हैं। किसानों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Yojana) को बढ़ाकर 6,000 रुपये से 12,000 रुपये करने की मांग की है। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र की अन्य समस्याओं पर भी चर्चा हुई, जैसे कि फसल बीमा, कृषि उपकरणों पर जीएसटी हटाना और किसानों को सस्ती ब्याज दर पर ऋण देना। आइए, जानते हैं पूरी योजना के बारे में और इस बार क्या खास होने वाला है।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना का महत्व

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत हर वर्ष 6,000 रुपये तीन किस्तों में किसानों के बैंक खातों में सीधे डाले जाते हैं। यह योजना किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने, उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए बनाई गई है।

बजट 2025 में पीएम किसान योजना को लेकर क्या बदलाव हो सकते हैं?

कृषि क्षेत्र को लेकर बजट की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, और किसानों ने अपनी विभिन्न मांगें सरकार के सामने रखी हैं। एक बड़ी मांग यह है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि को ₹6,000 से बढ़ाकर ₹12,000 प्रति वर्ष किया जाए। यह मांग किसानों के आर्थिक संकट को ध्यान में रखते हुए की गई है। छोटे किसानों के लिए यह राशि उनके जीवन को संजीवनी देने जैसा हो सकती है, खासकर जब खेती की लागत बढ़ रही है और कृषि उत्पादों की कीमतें उतार-चढ़ाव से गुजर रही हैं।

किसानों की मुख्य मांगें

विभिन्न किसान संगठनों और कृषि विशेषज्ञों ने बैठक के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और अधिक प्रभावी बनाने की मांग की, ताकि छोटे किसानों को जीरो प्रीमियम पर बीमा मिल सके। इसके साथ ही, कृषि उपकरणों, खाद, दवाई और बीज को जीएसटी के दायरे से बाहर करने की भी मांग की गई है। इस कदम से कृषि उत्पादों की लागत में कमी आ सकती है और किसानों को सस्ता सामान मिल सकेगा।

कृषि ऋण पर ब्याज दर घटाने की सिफारिश

किसानों ने एक और अहम सुझाव दिया, जिसमें कृषि ऋण पर ब्याज दर को घटाकर 1 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है। इस कदम से किसानों को सस्ती दरों पर ऋण मिल सकेगा, जिससे उनका आर्थिक बोझ हल्का होगा। इसके अलावा, चना, सोयाबीन और सरसों जैसी प्रमुख फसलों के लिए हर साल ₹1,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की रणनीति पर भी चर्चा की गई। इससे इन फसलों की पैदावार बढ़ सकती है और किसानों को बेहतर मूल्य मिल सकेगा।

कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए निवेश की आवश्यकता

भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने कृषि क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए कृषि क्षेत्र में बड़े निवेश की आवश्यकता है। इसके साथ ही, किसानों के लिए प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके उनकी उत्पादकता को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

सरकार की तरफ से संभावित कदम

सरकार के सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं, जिन्हें जल्द से जल्द हल करने की जरूरत है। किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे। अगर आगामी बजट में इन सभी मांगों पर विचार किया जाता है, तो यह भारतीय किसानों के लिए एक बड़े कदम के रूप में सामने आ सकता है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को मिलने वाली राशि को दोगुना करने की मांग ने कृषि क्षेत्र में बदलाव की उम्मीदें जगाई हैं। सरकार की तरफ से आने वाले बजट में इस योजना को लेकर कोई महत्वपूर्ण घोषणा हो सकती है। इसके अलावा, किसानों की अन्य मांगों को लेकर भी सरकार को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन और निवेशकों को आकर्षित करना जरूरी होगा। इससे ना केवल किसानों की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि देश की कृषि उत्पादकता भी बढ़ेगी।

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