हरियाणा के कैथल में भ्रष्ट पटवारियों की सूची जारी होने के बाद पटवारियों का विरोध प्रदर्शन

हरियाणा के कैथल में भ्रष्ट पटवारियों की सूची जारी होने के बाद पटवारियों का विरोध प्रदर्शन

हरियाणा के कैथल जिले में हाल ही में भ्रष्ट पटवारियों की एक सूची सामने आई है, जिसे लेकर स्थानीय पटवारियों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है। सरकार ने जिन पटवारियों के नाम इस सूची में शामिल किए हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस घटनाक्रम के बाद पटवारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध करने का ऐलान किया है। यह घटनाक्रम इस समय राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है।

भ्रष्ट पटवारियों की सूची का सामने आना

16 जनवरी को प्रदेश के विभिन्न जिलों के भ्रष्ट पटवारियों की सूची सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इस सूची में कुल 46 पटवारियों के नाम शामिल थे, जिनमें कैथल जिले के पटवारी सबसे ज्यादा संख्या में थे। इस सूची ने राज्य सरकार और प्रशासन के खिलाफ सवाल उठाने का एक मौका दे दिया है। कैथल जिले के सात पटवारियों के बारे में यह जानकारी मिली है कि उन्होंने अपने सहायक रखे हुए थे, जो उनके काम में उनका समर्थन करते थे। यह सारी घटनाएं पटवारियों के कामकाजी माहौल पर सवाल उठाती हैं और जनता के बीच असंतोष पैदा कर रही हैं।

पटवारियों का विरोध प्रदर्शन

कैथल में भ्रष्ट पटवारियों की सूची जारी होने के बाद पटवारियों के बीच गहरी नाराजगी देखने को मिली। पटवारियों का कहना है कि यह सूची उनके खिलाफ बेबुनियाद आरोपों का परिणाम है और वे इस पर विरोध दर्ज कराना चाहते हैं। इसके चलते कैथल के पटवारियों ने एक बड़ा ऐलान किया है। वे काली पट्टी बांधकर अपने कार्यालयों में काम करेंगे और इस तरह से विरोध प्रदर्शन करेंगे।

पटवारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि वे कैथल के कमेटी चौक स्थित पटवार भवन से लघु सचिवालय तक मार्च करेंगे और वहां जाकर जिला कलेक्टर (डीसी) को ज्ञापन देंगे। इस ज्ञापन के माध्यम से वे भ्रष्टाचार के आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे। इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप सही तरीके से जांचे जाएं और दोषी पाये जाने पर उचित कार्रवाई की जाए।

सरकार का पक्ष और मंत्री विपुल गोयल का बयान

इस मामले में हरियाणा सरकार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। मंत्री विपुल गोयल ने कहा है कि पटवारी केवल अपने कार्यालय में बैठकर काम करने के बजाय फील्ड में जाकर भी अपने कर्तव्यों का पालन करें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसी भी भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी और ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन पटवारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, पटवारियों का कहना है कि उन्हें निशाना बनाकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है। उनका यह भी मानना है कि इस तरह की सूची का सार्वजनिक रूप से जारी किया जाना उनके पेशेवर जीवन को प्रभावित करेगा और उन्हें न्याय का हक नहीं मिलेगा। वे चाहते हैं कि आरोपों की निष्पक्ष जांच की जाए और बिना किसी दबाव के न्याय सुनिश्चित किया जाए।

कैथल जिले में भ्रष्ट पटवारियों की सूची के जारी होने के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पटवारियों के विरोध प्रदर्शन और सरकार की प्रतिक्रिया से यह मामला और भी जटिल हो गया है। अब देखना यह है कि इस विवाद का हल कैसे निकाला जाता है और क्या भ्रष्टाचार के आरोपों की सही जांच होती है या नहीं। सरकार और पटवारियों के बीच का यह टकराव अब एक नई दिशा में मोड़ ले सकता है, जो प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर नई बहस को जन्म दे सकता है।

Leave a Comment

Floating WhatsApp Button WhatsApp Icon