सोने की कीमत में हुआ उलटफेर: जानें आज प्रति 10 ग्राम का भाव
सोने की कीमतों में लगातार दो दिनों से गिरावट के बाद, 17 दिसंबर 2024 को सोने की कीमतों में जोरदार उछाल आया। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 950 रुपये बढ़कर 79,300 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन ने मंगलवार को यह जानकारी दी, जो व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट है। आइए जानते हैं, सोने की कीमतों में इस उतार-चढ़ाव का कारण और इसके व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
सोने की कीमतों में अचानक वृद्धि
सोने की कीमतों में यह वृद्धि शादी के मौसम में आभूषणों की बढ़ती मांग के कारण आई है। जैसे-जैसे शादी के सीजन की शुरुआत हो रही है, आभूषण विक्रेता सोने की खरीदारी कर रहे हैं, जिससे पीली धातु की मांग में तेजी आई है। सोमवार को 78,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद होने के बाद, सोने की कीमत मंगलवार को 950 रुपये बढ़कर 79,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई।
वायदा बाजार में स्थिति
वायदा बाजार में भी सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर फरवरी डिलीवरी वाले सोने के अनुबंध में 410 रुपये की गिरावट आई, जो अब 76,651 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति बैठक भी बाजार की धारणा को प्रभावित कर रही है, जिससे सोने की कीमतों में स्थिरता और गिरावट दोनों हो सकती है।
फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति का प्रभाव
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति बैठक, जो मंगलवार से शुरू हुई, के परिणामों का सोने की कीमतों पर बड़ा असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि फेड की आगामी नीति बैठक के बाद ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है, जिसका सोने के बाजार पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। इस बैठक के दौरान बाजार को कुछ स्पष्ट संकेत मिल सकते हैं, जिससे भविष्य में सोने के भाव में बढ़ोतरी या गिरावट हो सकती है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी के वरिष्ठ विश्लेषक जतीन त्रिवेदी के अनुसार, फेड की नीति बैठक के नतीजों के चलते बाजार में सतर्कता बनी हुई है। इस असमंजस के कारण, सोने की कीमतों में गिरावट आई है। उन्होंने यह भी बताया कि इस साल के अंत में नीति निर्णयों के बाद, ब्याज दरों में कोई कटौती होने की संभावना को लेकर बाजार में असमंजस है, जो सोने की कीमतों को स्थिर बनाए रख सकता है।
सोने की कीमतों पर असर डालने वाले अन्य फैक्टर
अमेरिकी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा बिक्री और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े मंगलवार को जारी होंगे, जिससे सोने के बाजार में अल्पकालिक अस्थिरता आ सकती है। इस समय व्यापारी इन आंकड़ों को लेकर सतर्क हैं, क्योंकि इससे सोने की कीमतों में छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव हो सकते हैं।
चिंतन मेहता, जो कि अबंस होल्डिंग्स के सीईओ हैं, ने कहा कि व्यापारी अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसके साथ ही, वह बेरोजगारी दावों और अन्य आर्थिक आंकड़ों को भी देखेंगे, जो सोने के बाजार में बदलाव ला सकते हैं।
भविष्य की दिशा
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा कि सोने की कीमतों पर मुख्य ध्यान फेडरल रिजर्व की बुधवार को होने वाली नीति बैठक पर होगा। यदि ब्याज दरों में कोई बदलाव हुआ, तो यह सोने की कीमतों को प्रभावित करेगा।
हालांकि, सोने के बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में कुछ और बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इसलिए निवेशक और व्यापारी सतर्क रहें और बाजार की स्थितियों के अनुसार अपनी रणनीतियों को अपडेट करें।
सोने की कीमतों में 17 दिसंबर को आई वृद्धि और इसके बाद के वायदा कारोबार में गिरावट, इस बात का संकेत हैं कि सोने के बाजार में अस्थिरता बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी समय में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति और आर्थिक आंकड़ों से सोने की कीमतों पर प्रभाव पड़ेगा। इस बीच, शादी के मौसम में आभूषण विक्रेताओं द्वारा बढ़ती मांग के कारण सोने की कीमतों में कुछ समय के लिए बढ़ोतरी हो सकती है।