महाकुंभ में मची भगदड़, सारे शाही स्नान हुए रद्द

महाकुंभ में मची भगदड़, सारे शाही स्नान हुए रद्द

प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मची भगदड़, 23 लोगों की मौत

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में आज एक बेहद दुखद घटना घटी। मौनी अमावस्या के दिन, जो कि महाकुंभ में स्नान के लिए बेहद खास माना जाता है, संगम तट पर भगदड़ मच गई। इस घटना में 23 लोगों के मरने की खबर सामने आई है। सूचना के मुताबिक, इस भगदड़ के कारण स्थिति इतनी भयावह हो गई कि प्रशासन को तुरंत सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने की आवश्यकता पड़ी।

भगदड़ की वजह यह बताई जा रही है कि शाही स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम तट पर एकत्रित हो गई थी। हालांकि, प्रशासन ने कुछ घाटों पर डायवर्जन किया था, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके, लेकिन श्रद्धालुओं ने इन घाटों पर स्नान करने से इनकार कर दिया और सभी ने संगम पर ही स्नान करने की जिद की। परिणामस्वरूप, एक ही स्थान पर अधिक भीड़ जमा हो गई, जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई।

NSG की तैनाती, सुरक्षा बढ़ाई गई

भगदड़ के बाद स्थिति को काबू में करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के कमांडो को तैनात किया गया। सुरक्षा बलों ने घटनास्थल को अपने कब्जे में लिया और भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी। साथ ही, संगम तट और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया।

प्रयागराज में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने के लिए पुलिस बल और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को भी सक्रिय किया गया। पुलिस ने सभी सुरक्षा जवानों को संगम के पास तैनात किया, ताकि भीड़ को व्यवस्थित तरीके से नियंत्रित किया जा सके और ऐसी कोई और अप्रिय घटना न हो।

शाही स्नान रद्द, अखाड़ों का जुलूस भी वापस

भगदड़ के बाद प्रशासन ने सभी 13 अखाड़ों से अनुरोध किया कि वे मौनी अमावस्या के दिन के शाही स्नान को रद्द कर दें। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने इस फैसले की पुष्टि की और कहा कि संगम पर अत्यधिक भीड़ के कारण यह कदम उठाया गया।

इसके बाद, सभी अखाड़ों ने अपनी-अपनी शाही जुलूसों को भी वापस अपने शिविरों में बुला लिया है। रवींद्र पुरी ने यह भी बताया कि इस कठिन समय में सुरक्षा और श्रद्धालुओं की भलाई को सर्वोपरि रखा गया है।

प्रशासन की कार्रवाई और राहत कार्य

घटना के बाद प्रशासन और राहत कार्यों की टीमों ने मृतकों और घायलों के लिए तुरंत सहायता प्रदान की। स्वरूपरानी अस्पताल में मेडिकल टीमों को तैनात किया गया, और पोस्टमॉर्टम के लिए मृतकों को भेजा गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक 14 शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जा चुका है और संख्या बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

प्रशासन ने हादसे में घायल हुए लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया है और उनकी मदद के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। इस घटना के बाद, महाकुंभ मेला प्रशासन ने आगामी दिनों के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने की योजना बनाई है।

 

महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है, लेकिन इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि जब इतनी बड़ी संख्या में लोग एकत्र होते हैं, तो सुरक्षा व्यवस्थाओं का महत्व और भी बढ़ जाता है। प्रशासन और सुरक्षा बलों को अब और सतर्क रहना होगा, ताकि भविष्य में इस तरह की कोई दुर्घटना न हो।

महाकुंभ में इस बार जो भगदड़ मची है, उसने न केवल श्रद्धालुओं को शोकाकुल किया है, बल्कि पूरे देश को इस घटना से एक गंभीर संदेश भी दिया है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जाने चाहिए। साथ ही, श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनके आराम के लिए भी लगातार प्रयासों की आवश्यकता है।

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