गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील का निधन, बदमाशों से मुठभेड़ में लगे थे गोलियां

गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील का निधन, बदमाशों से मुठभेड़ में लगे थे गोलियां

उत्तर प्रदेश के शामली जिले में सोमवार रात को हुए एक खतरनाक एनकाउंटर में यूपी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) टीम ने 4 बदमाशों को मार गिराया। इस मुठभेड़ में एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी घायल हो गए थे। उन्हें गंभीर हालत में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। यह घटना यूपी पुलिस के लिए एक बड़ी क्षति साबित हुई है, क्योंकि इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने इस अभियान का नेतृत्व किया था और उनकी बहादुरी ने टीम को सफलता दिलाई थी।

एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील को लगीं तीन गोलियां

शामली में देर रात हुई मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ टीम को बदमाशों के खिलाफ कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। इस एनकाउंटर में चार बदमाशों को मार गिराया गया, जिसमें दो बदमाश हरियाणा के निवासी थे। हालांकि, इस मुठभेड़ में एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें पेट में तीन गोलियां लगी थीं, जिनमें से एक गोली उनके लिवर में लगी, जो उनके लिए खतरनाक साबित हुई।

सूचना के बाद, सुनील कुमार को तुरंत गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने उनकी तीन गोलियां निकालने की कोशिश की, लेकिन उनकी स्थिति गंभीर बनी रही। आखिरकार, इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।

कठिन परिस्थितियों में सुनील कुमार की बहादुरी

इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने हमेशा अपनी कर्तव्यनिष्ठा और बहादुरी का परिचय दिया था। वह एसटीएफ की टीम का हिस्सा थे और कई महत्वपूर्ण अभियानों में अपनी भूमिका निभाते रहे थे। इस मुठभेड़ में भी उन्होंने खुद को और अपनी टीम को मुश्किल परिस्थितियों में सुरक्षित रखने के लिए पूरी जान लगाकर काम किया।

यह एनकाउंटर उस वक्त हुआ जब एसटीएफ टीम को सूचना मिली कि कुछ बदमाश शामली क्षेत्र में छिपे हुए हैं और उनके पास भारी मात्रा में हथियार हैं। टीम ने तत्परता दिखाते हुए छापेमारी की और बदमाशों से मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में सुनील कुमार ने मोर्चा संभाला, लेकिन उन्हें बदमाशों से गोलियां लग गईं।

एसटीएफ की बहादुरी और बदमाशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

यूपी एसटीएफ की टीम ने मुठभेड़ के दौरान जिस प्रकार से बदमाशों को मार गिराया, वह पुलिस विभाग के लिए गर्व का विषय है। इस मुठभेड़ में मारे गए चार बदमाशों में से दो बदमाश हरियाणा के थे, जो लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए थे। इन बदमाशों पर कई गंभीर अपराधों का आरोप था, जिनमें हत्या, लूट और अपहरण जैसे मामले शामिल थे।

एनकाउंटर में बदमाशों का आत्मसमर्पण करने के बावजूद पुलिस ने उन्हें गंभीर अपराधों के कारण मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस की यह कार्रवाई दर्शाती है कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस अधिकारियों और टीमों को किस तरह से कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।

पुलिस की वीरता पर सवाल नहीं, बलिदान को सलाम

यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार का निधन न केवल उनके परिवार और विभाग के लिए एक बड़ी क्षति है, बल्कि पूरे समाज के लिए भी यह एक दुखद घटना है। उनका बलिदान हमें यह याद दिलाता है कि पुलिसकर्मी अपनी जान की परवाह किए बिना हमारी सुरक्षा के लिए काम करते हैं। इस प्रकार की बहादुरी और समर्पण को हमेशा याद रखा जाएगा।

उनकी बहादुरी के साथ-साथ, उनके इस बलिदान को सलाम करते हुए हम यह उम्मीद करते हैं कि उनकी विरासत को आगे बढ़ाया जाएगा और उनकी तरह पुलिस विभाग में और भी अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।

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