हरियाणा में मौसम का मिजाज बदला, 14 जिलों में होगी झमाझम बारिश

हरियाणा में मौसम का मिजाज बदला, 14 जिलों में होगी झमाझम बारिश

हरियाणा के लिए मौसम विभाग का अलर्ट

हरियाणा में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया है। प्रदेश में बारिश का सिलसिला शुरू होने वाला है और मौसम विभाग ने 5 फरवरी तक के लिए प्रदेश के 14 जिलों में झमाझम बारिश का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में भिवानी, जींद, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, चरखी दादरी, झज्जर, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और मेवात शामिल हैं।

मौसम में अचानक आए इस बदलाव ने क्षेत्र में ठंड को बढ़ा दिया है और अब यहां पर गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। साथ ही, तेज हवाएं भी चलने की संभावना है, जो ठंड को और भी महसूस करा सकती हैं।

सुबह की धुंध और शीतलहर का असर

आज सुबह पानीपत, जींद, भिवानी, पलवल, सोनीपत और सिरसा के रानियां क्षेत्र में धुंध का असर देखा गया। इन क्षेत्रों में धुंध के कारण दृश्यता कम रही और लोग ठंड के प्रभाव से परेशान हो रहे थे। मौसम विभाग के अनुसार, इस समय शीतलहर का प्रभाव है, जो तापमान में गिरावट और ठिठुरन को बढ़ा सकता है।

इस दौरान, हवा में नमी और बारिश के कारण ठंड में भी इजाफा होगा। खासतौर से किसानों और आम लोगों के लिए यह मौसम थोड़ा कठिन हो सकता है, क्योंकि ठंड और बारिश का असर खेती और अन्य गतिविधियों पर भी पड़ेगा।

पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव

मौसम विभाग के मुताबिक, फरवरी महीने में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) सक्रिय हो सकते हैं, जो हरियाणा के मौसम में बदलाव लाएंगे। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष, डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, फरवरी महीने में 5 से 6 पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकते हैं। इनमें से दो विक्षोभ से हल्की बारिश की संभावना है, जबकि अन्य विक्षोभ का प्रभाव अधिक रहेगा।

फरवरी के पहले पखवाड़े में मौसम में बदलाव होगा, जिसमें तापमान में उतार-चढ़ाव और कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। खासकर 3 फरवरी, 11 फरवरी और 15 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव आने की संभावना है। इन तारीखों पर दिन और रात के तापमान में भी बड़ा फर्क देखने को मिल सकता है।

रबी फसलों के लिए मौसम का फायदा

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, वर्तमान में पारा अधिक नहीं बढ़ना चाहिए क्योंकि इससे रबी की फसलों को लाभ मिल सकता है। यदि रात का तापमान कम रहेगा और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होते रहेंगे, तो इससे फसलों के लिए अनुकूल वातावरण बनेगा। विशेष रूप से गेहूं, सरसों, और चना जैसी रबी फसलों के लिए यह मौसम लाभकारी हो सकता है।

अतः, किसानों को इस मौसम के बदलाव का लाभ उठाने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी फसलें ठंड से सुरक्षित रहें और आवश्यकतानुसार सिंचाई और कीटनाशक का उपयोग करें।

हरियाणा में मौसम में बदलाव का यह दौर किसानों और आम लोगों के लिए एक नई चुनौती हो सकती है, लेकिन इसके साथ ही यह एक अवसर भी है। पश्चिमी विक्षोभ और बारिश के कारण जहां तापमान में गिरावट आएगी, वहीं रबी फसलों को भी फायदा हो सकता है। प्रदेशवासियों को अगले कुछ दिनों में बारिश और शीतलहर के असर से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट और कृषि वैज्ञानिकों के दिशा-निर्देशों के आधार पर यदि सावधानी बरती जाए तो इस बदलते मौसम का अधिकतम लाभ उठाया जा सकता है।

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