Zomato ने लगाया अजीबोगरीब चार्ज, CEO को भी मांगनी पड़ी माफी

Zomato ने लगाया अजीबोगरीब चार्ज, CEO को भी मांगनी पड़ी माफी

‘Veg Mode Enablement Fee’ पर बवाल, Zomato CEO ने दिया सफाई

फूड डिलीवरी ऐप **जोमैटो** एक बार फिर अपने अजीबोगरीब चार्ज के कारण चर्चा में है। इस बार कंपनी ने अपने प्लेटफॉर्म पर एक ऐसा चार्ज लगाया, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया। इसके बाद, जोमैटो के सीईओ **दीपिंदर गोयल** को माफी मांगनी पड़ी और उन्होंने यह आश्वासन दिया कि भविष्य में इस तरह का चार्ज कभी नहीं लगाया जाएगा।

क्या था ‘Veg Mode Enablement Fee’ चार्ज?

दरअसल, **रोहित रंजन** नामक एक उपयोगकर्ता ने **लिंक्डइन** पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके वेजिटेरियन आर्डर पर **’Veg Mode Enablement Fee’** नाम से एक अजीबोगरीब चार्ज लगाया गया था। रोहित के अनुसार, उन्होंने जो भोजन आर्डर किया था, उस पर 2 रुपये का यह अतिरिक्त शुल्क लिया गया था।

रोहित रंजन ने इस चार्ज को लेकर अपनी पोस्ट में लिखा, “इन दिनों भारत में वेजिटेरियन होना एक अभिशाप जैसा लगता है। अब ‘ग्रीन एंड हेल्दी’ से ‘ग्रीन और प्राइसी’ हो गए हैं। शुक्रिया जोमैटो, एक बार फिर यह साबित करने के लिए कि वेजिटेरियन होना अब एक लग्जरी टैक्स है।” इसके साथ ही उन्होंने **स्विगी** का धन्यवाद किया, जो वेजिटेरियन ग्राहकों के साथ समान व्यवहार करता है।

Zomato CEO की प्रतिक्रिया

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए **दीपिंदर गोयल**, जोमैटो के सीईओ, ने इस चार्ज को एक गलती मानते हुए माफी मांगी। उन्होंने कहा, “यह हमारी ओर से की गई मूर्खता है। मुझे इसके लिए बहुत खेद है। यह शुल्क आज ही हटा दिया जाएगा।” गोयल ने यूजर्स को यह आश्वासन दिया कि ऐसी गलतियां भविष्य में नहीं होंगी और कंपनी इस मामले में सुधार करेगी।

गोयल ने आगे कहा, “हम हमेशा यूजर्स से मिलने वाले फीडबैक पर ध्यान देते हैं, और इस बार भी यह फीडबैक हमारे लिए महत्वपूर्ण है।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह इस समस्या को हल करने के लिए कंपनी के सिस्टम में सुधार करेंगे, ताकि भविष्य में ऐसी गलतियां दोबारा न हों।

पहले भी चर्चा में रहा है Zomato का चार्ज

यह पहली बार नहीं है जब **जोमैटो** अपने चार्ज के कारण चर्चा में आया है। इससे पहले भी जोमैटो अपने प्लेटफॉर्म चार्ज और सर्विस चार्ज में इजाफा करने को लेकर विवादों में रहा है। ग्राहकों ने बार-बार यह शिकायत की है कि वे जो कीमत चुकाते हैं, उसमें कई अप्रत्याशित चार्जेस जोड़े जाते हैं। हाल ही में जोमैटो ने अपने प्लेटफॉर्म पर **प्लेटफॉर्म चार्ज** और **डिलीवरी चार्ज** में बढ़ोतरी की थी, जिससे ग्राहक नाराज हो गए थे।

इसी तरह के विवादों ने कंपनी की छवि को प्रभावित किया है, लेकिन जोमैटो के सीईओ द्वारा की गई त्वरित प्रतिक्रिया से लगता है कि कंपनी अपने ग्राहकों के फीडबैक पर ध्यान देती है और सुधार करने के लिए तैयार है।

सोशल मीडिया पर गुस्से का इज़हार

सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर इस चार्ज को लेकर गुस्से का माहौल था। कई यूजर्स ने जोमैटो के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे ‘वेजिटेरियन टैक्स’ करार दिया। वहीं कुछ यूजर्स ने जोमैटो से सवाल किया कि वेजिटेरियन आर्डर पर अतिरिक्त शुल्क क्यों लिया जा रहा है जबकि नॉन-वेजिटेरियन आर्डर पर ऐसा कोई शुल्क नहीं लिया जाता।

इस मामले ने इस तथ्य को उजागर किया है कि भारतीय उपभोक्ता, विशेष रूप से वेजिटेरियन लोग, जब भी कोई अजीबोगरीब चार्ज का सामना करते हैं, तो वे सोशल मीडिया पर इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। यही वजह है कि जोमैटो को इस विवाद को सुलझाने के लिए शीघ्र कार्रवाई करनी पड़ी।

जोमैटो के द्वारा लगाए गए ‘Veg Mode Enablement Fee’ जैसे अजीबोगरीब चार्ज से ग्राहक नाराज हैं, लेकिन कंपनी ने अपनी गलती मानते हुए माफी मांगी है और यह सुनिश्चित किया है कि भविष्य में इस तरह का चार्ज नहीं लिया जाएगा। कंपनी ने इस विवाद को हल करने के लिए अपने सिस्टम में सुधार करने का वादा किया है। यह घटना यह साबित करती है कि उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया बहुत मायने रखती है और कंपनियों को अपनी सेवाओं में सुधार करने के लिए लगातार सुनना और सुधारना चाहिए।

जोमैटो को इस विवाद से सीख लेते हुए, अपने ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।

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