23 साल का लड़का लगातार अपनी दो गेंदों पर एक ही बल्लेबाज को दो बार आउट करता है विकेट बड़ा था क्योंकि बल्लेबाज बड़ा था तो खुशी में इस गेंदबाज से सेलिब्रेशन भी बड़ा हो गया लेकिन 23 साल के उस लड़के को कहा पता था सिर्फ और सिर्फ 36 घंटे के अंदर उसे सेलिब्रेशन के जश्न की उसे ऐसी कीमत चुकाने पड़ेगी जिसे विश्व क्रिकेट का इतिहास कभी भूलकर भी नहीं भूल पाएगा साल 1998 में भारत,श्रीलंका और जिंबाब्वे के बीच कोका कोला कप हो रहा था श्रीलंका और जिंबाब्वे को हराकर 6 अंको के साथ फाइनल में पहुंच गया था जिंबाब्वे ने भी श्रीलंका को लगातार दो मैचों में हराकर 4 अंको के साथ फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली थी उस से पहले भारत और जिंबाब्वे के बीच एक ग्रुप का मैच बाकी था लेकिन यह मैच दोनों टीमों के लिए कोई इंपॉर्टेंट नहीं था क्यों कि जिंबाब्वे और भारत पहले ही फाइनल मैच में पहुंच चुकी थी ।
जिंबाब्वे और भारत के बीच मुकाबला
लेकिन इस मैच में जिंबाब्वे टीम ने पहले बेटिंग करते हुए 205 रन का टारगेट भारत के सामने रखा जिंबाब्वे की टीम मैदान में तो जिंबाब्वे की टीम में जोश अगल ही दिख रहा था उस के दो कारण थे एक तो चैंपियन श्रीलंका को हराया था उसका दूसरा कारण था henry olonga जो चोट के बाद इस मैच में वापसी कर रहा था जिंबाब्वे का पोस्टर बॉय जिनकी गेंद की रफ्तार किसी भी बेस्टमैन को अपना शिकार बना ले कुछ कहा नहीं जा सकता था इस से पहले olonga जितनी भी बार भारत के सामने आया उसने भारतीय पूरी बेटिंग लाइनअप को चीर के रख दिया जब olonga मैदान पर आया भूखे शेर की तरह भारतीय टीम को घूर रही थी दूसरे ओवर में गांगुली का शिकार कर लिया टीम का स्कोर अभी 10 रन भी नहीं हुआ था जब भारतीय स्कोर 19 रन पहुंचा तब olonga ने राहुल द्रविड़ को भी अपनी तेज गेंदबाजी का शिकार बना लिया उस के बाद आता है बेटिंग करने के लिए सचिन तेंदुलकर पहुंचे भारत का स्कोर 28 रन ही हुआ था olonga ने अपने तीसरे ओवर की तीसरी गेंद पर सचिन का विकेट ले लिया गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेते हुए विकेट कीपर के पास जा पहुंची ओलंगा इस विकेट का जश्न बनाने ही वाला था अंपायर ने इस बोल को नो बोल दे दिया ओलंगा के अरमानों को जश्न को चिकना चूर कर दिया ओलंगा एक बार फिर घायल शेर की तरह शॉट बोल से सचिन पर प्रहार करता है इस बार भारतीय प्रेमियों में सन्नाटा छा जाता है क्यों कि सचिन आउट हो जाता है भारत का गुरूर घमंड टूट जाता हैं भारत जितने कि उम्मीद टूट चुकी थी जब सचिन मैदान से बाहर जा रहा था ओलंगा द्वारा इस जश्न में की गई घटना इतनी घटिया थी सचिन तेंदुलकर को अंदर तक तोड़ कर रख देता है ।
फाइनल मुकाबला
36 घंटे बीत चुके थे मैच प्रारंभ हुआ जांबाबे ने 9 विकेट 50 ओवर खोकर 196 रन बनाए लेकिन यह स्कोर बड़ा नहीं था लेकिन लेकिन जिंबाबे के पास ओलंगा था जिसके कारण फाइनल मैच जीतने का दम भर रही थी ओलंगा की आग उगलती गेंदों का भारत के पास विकल्प नहीं है सचिन और गांगुली भारत की पारी की शुरुआत करते हैं उस दिन पहली बार सचिन का गुस्सा देखा ओलंगा कि बोल पे फूटा था सचिन तेंदुलकर का गुस्सा शॉट के बाद शॉट मानो हर बोल को मैदान के बाहर गेंद को पहुंचा रहे थे उस दिन सचिन तेंदुलकर ने ओलंगा के साथ जो भी किया जो ओलंगा के लिए किसी मौत से कम नहीं था ओलंगा कि ऐसी धुनाई देखकर लग रहा था जैसे सचिन तेंदुलकर क्रिकेट मैच खेलने के लिए नहीं अपना बदला लेने के लिए उतरे हो देखते ही देखते सिर्फ 28 बोलो में अपने 50 रन पूरे किए सचिन तेंदुलकर ने सिर्फ 92 बोल खेल के 124 रन ठोक डाले महेश 30 ओवर के अंदर ही जन्बावे को उसकी असली औकात बताते हुए कोका कोला का फाइनल मैच बिना किसी विकेट ग़माए कोका कोला कप जीत लिया ओलंगा का वह घटिया जश्न का अफसोस हुआ ।
कोका कोला कप के बाद जिंबाब्वे ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेली ओलंगा ने एक ही पारी में 5 विकेट लेकर सीरीज जन्बावे को जितवा दी मेन ऑफ द सीरीज ओलंगा रहे लेकिन ओलंगा ने सबसे विकेट लेने के बाबजूद भी किसी खिलाड़ी के विकेट का वैसा जश्न नहीं बनाया सचिन तेंदुलकर की उस धुलाई से ओलंगा को एक सबक तो जरूर मिल गया था ।